लखनऊ। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बुंदेलखंड में संचालित बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की सफलता और काशी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी के प्रति महिला किसानों के सकारात्मक रुझान को देखते हुए राज्य की योगी सरकार ने प्रदेश में दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए महिला सामर्थ्य योजना की शुरुआत की है। इसके तहत बलनी मिल्क की तर्ज पर पांच शहरों में दुग्ध उत्पादन कंपनी शुरु की जायेंगी।
राज्य सरकार की ओर से यह जानकारी देते हुए मंगलवार को बताया गया कि महिला सामर्थ्य योजना के तहत रायबरेली, गोरखपुर, बरेली, प्रयागराज और लखनऊ में मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी शुुुरु करने के लिये 200 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है। सरकार का दावा है कि इससे प्रदेश की महिलाएं आत्मनिर्भर होंगी, वहीं प्रदेश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
इस योजना के तहत रायबरेली, गोरखपुर, बरेली, प्रयागराज और लखनऊ में पांच मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की स्थापना करने का लक्ष्य है। इसके साथ ही प्रदेश में सहकारिता पर आधारित मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की संख्या सात हो जायेगी। बलिनी और काशी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी समेत पांच नयी कंपनियाें द्वारा अगले पांच वर्षों में रोजाना करीब 15 लाख लीटर दूध के संकलन का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्य में तकनीकी सहायता के लिए राज्य के ग्रामीण आजीविका मिशन ने राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड की अानुषंगी संस्था एनडीडीबी डेरी सर्विसेस के साथ अनुबंधन किया है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक भानुचन्द्र गोस्वामी ने बताया कि प्रदेश के रायबरेली और गोरखपुर में मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की स्थापना हो चुकी है। वहीं बरेली में पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने बताया कि रायबरेली में स्थापित सामर्थ्य मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी और गोरखपुर में स्थापित श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी को फरवरी में शुरु करने की तैयारी शुरू कर दी गयी है। इन दोनों कंपनियों के शुरू होने से रायबरेली के आस पास के 7 जिलों (रायबरेली, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, फ़तेहपुर, कानपुर नगर और प्रतापगढ़) और गोरखपुर के आस-पास के 4 जिलों (गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया और कुशीनगर) के 1 लाख से अधिक महिला किसानों को संगठित दूध व्यवसाय से जोड़ा जाएगा।
गोस्वामी ने बताया कि बरेली में स्थापित होने वाली मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी के आसपास के 6 जिलों (बरेली, रामपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी और सीतापुर) के 40 हज़ार से अधिक महिला किसान लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि प्रयागराज और लखनऊ के आस-पास के जिलों को इस योजना से जोड़ने के लिए एनडीडीबी डेरी सर्विसेस से डीपीआर के लिए अनुरोध किया गया है। आगामी दिसंबर तक इसके लिए स्वीकृति प्राप्त हो जाएगी।