अगरतला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की त्रिपुरा यात्रा के एक दिन बाद विपक्षी मॉर्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि स्कूल भवनों तथा जिला सड़कों जैसे छोटे निर्माण कार्यों का शिलान्यास कराकर राज्य सरकार ने राष्ट्रपति का अपमान किया है।
माकपा के राज्य सचिव और पूर्व लोकसभा सांसद जितेंद्र चौधरी ने कहा कि राष्ट्रपति को परियोजना का उद्घाटन करने या इमारतों की शुरुआत करने के लिए आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन त्रिपुरा सरकार ने लापरवाही दिखाते हुए उनके कार्यक्रम को निर्धारित किया। जिससे राष्ट्रपति के सर्वोच्च पद की अवहेलना और वैश्विक स्तर पर देश की गरिमा कम हुई।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति मुर्मू ने 12 और 13 अक्टूबर को त्रिपुरा की दो दिवसीय यात्रा के दौरान एमएलए हॉस्टल का उद्घाटन किया, एक बहुमंजिला इमारत, सड़क सुधार परियोजनाओं, छह नए स्कूल भवनों, स्कूली छात्रों के लिए 100 बिस्तरों वाले नौ छात्रावासों और आईआईआईटी भवन के अलावा कई अन्य कार्यक्रमों की आधारशिला रखी। माकपा ने इसे कुशासन और कानून व्यवस्था से खिलवाड़ बताया है।
चौधरी ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राष्ट्रपति के जरिए पिछले साढ़े चार वर्षों की अपनी नाकामियों को छिपाने और इस राज्य के लोगों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि हो सकता है कि राष्ट्रपति को त्रिपुरा की भाजपा सरकार के प्रदर्शन के बारे में पता नहीं होकि कैसे उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव सहित सभी चुनावों में सभी लोकतांत्रिक संस्थानों को धोखा देने और ढहाने काम किया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने विस्तार के नाम पर दो अलग-अलग ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई जबकि ये दोनों ट्रेनें बहुत पहले ही शुरू हो चुकी थीं। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा सरकार ने राष्ट्रपति की परिपाटी और प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है और भारत की प्रथम नागरिक की उपस्थिति को अपनी पार्टी के कार्यक्रम के रूप में उपयोग किया है।
उन्होंने बताया कि माकपा 21 अक्तूबर को विवेकानंद स्टेडियम में सीताराम येचुरी और माकपा के अन्य शीर्ष नेताओं की उपस्थिति में एक विशाल रैली का आयोजन करेगी जो कि राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान की शुरुआत होगी। रैली का उद्देश्य त्रिपुरा सरकार की अलोकप्रियता को प्रदर्शित करना है और दुनिया के सामने लाना है।