गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि गुजरात के बनासकांठा जिले में बनाया जाने वाला डीसा एयर बेस देश की सुरक्षा का एक प्रभावी केन्द्र साबित होगा और यहां से हम पश्चिमी सीमा की ओर से किसी भी दुस्साहस का कड़ा जवाब दे सकेंगे।
मोदी ने यहां बारहवीं रक्षा प्रदर्शनी के दौरान बनासकांठा में एक हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाये जाने वाले डीसा एयर बेस का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा , “ सत्ता में आने के बाद हमने डीसा में ऑपरेशनल बेस बनाने का फैसला लिया, और हमारी सेनाओं की ये अपेक्षा आज पूरी हो रही है। यह क्षेत्र देश की सुरक्षा का एक प्रभावी केन्द्र बनेगा। ”
इस बेस के वर्ष 2024 तक बनकर तैयार होने की संभावना है और यहां से सभी अत्याधुनिक विमानों का संचालन किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा प्रदर्शनी के इस आयोजन में एक ऐसे भारत की भव्य तस्वीर खिंची गयी है जिसका संकल्प अमृतकाल में लिया गया है। उन्होंने कहा , “ इसमें युवा शक्ति भी है युवा सपने भी हैं और युवा सामर्थ्य भी है। साथ ही इसमें विश्व के लिए उम्मीद तथा मित्र देशों के लिए सहयोग के अवसर भी हैं। ”
उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी में मेक इन इंडिया पर जोर है और यह पहली ऐसी रक्षा प्रदर्शनी है जिसमें केवल भारतीय कंपनियां ही हिस्सा ले रही हैं। भारत के बढते रक्षा निर्यात और उसके रक्षा विनिर्माण का हब बनने की तरफ बढते कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,“भारतीय रक्षा कंपनियां आज ग्लोबल स्पलाई चेन का महम्वपूर्ण हिस्सा बन रही हैं हम ग्लोबल स्टेंडर्ड के अत्याधुनिक उपकरणों का विकसित देशों को भी निर्यात कर रहे हैं। ”
प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में भारत इच्छाशक्ति , नवाचार, और योजनाओं पर अमल के मंत्र पर आगे बढ रहा है और इसीका परिणाम है , “ आज से आठ वर्ष पहले तक भारत की पहचान दुनिया के सबसे बड़े रक्षा आयातक के रूप में होती थी लेकिन नये भारत ने इच्छाशक्ति दिखाई और मेक इन इंडिया आज रक्षा क्षेत्र की सफलता की कहानी बन रहा है। पिछले पांच वर्षों में हमारा रक्षा निर्यात आठ गुना बढा है। ”
मोदी ने इस मौके पर देश का मिशन डिफेंस स्पेस भी लांच किया। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए भारत को अपनी इस तैयारी को और बढाना होगा। सेनाओं को नेये समाधान तलाशने होंगे। उन्होंने कहा, “ स्पेस में भारत की शक्ति सीमित न रहे और इसका लाभ भी केवल भारत के लोगों तक ही समित न रहे ये हमारा मिशन भी है और विजन भी है। ”
मोदी ने कहा कि देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए जहां एक ओर निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्र कंधे से कंधा मिलाकर तेजी से काम कर रहे हैं वहीं हमारी सेनाओं ने भी स्वदेशी रक्षा उपकरणों तथा हथियारों के इस्तेमाल का साहसिक निर्णय लिया है। इस मौके पर उन्होंने रक्षा साजो-सामान के आयात पर रोक लगाने की दिशा में उठाये जा रहे कदमों के तहत स्वदेशी रक्षा साजो सामान की चौथी सकारात्मक सूची भी जारी की। इससे पहले भी इस तरह की तीन सूची जारी की जा चुकी हैं। इस सूची में शामिल सामानों का अब देश में ही विनिर्माण किया जायेगा और इनका आयात नहीं किया जायेगा।