सहारनपुर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की गन्ना पट्टी के रूप में विख्यात सहारनपुर मंडल में सत्र 2022-23 के पेराई सत्र की चीनी मिलों में शुरुआत हो गयी है।
मंडल के उप गन्ना आयुक्त डा. दिनेश्वर मिश्र ने शनिवार को बताया कि सहारनपुर मंडल में कुल 17 चीनी मिलें हैं। लगभग 45 हजार क्विंटल प्रतिदिन की पेराई क्षमता वाली उत्तम ग्रुप की खाईखेड़ी चीनी मिल ने शुक्रवार को पेराई शुरू करते हुए पहले दिन 10500 क्विंटल गन्ने की पेराई की।
डा. मिश्र ने बताया कि सहारनपुर की गांगनौली चीनी मिल, मुजफ्फरनगर की खतौली चीनी मिल, शामली जिले की शामली चीनी मिल, बजाज ग्रुप की थानाभवन और बुढ़ाना चीनी मिलें 31 अक्टूबर को पेराई सत्र की शुरूआत कर देंगी। उन्होंने बताया कि सहारनपुर के देवबंद की त्रिवेणी चीनी मिल चार नवंबर को पेराई शुरू करेगी।
उन्होंने बताया कि देवबंद चीनी मिल इस बार अपनी 1.40 लाख क्विंटल पेराई प्रतिदिन की क्षमता पर चलेगी। पिछले कुछ सालों से इस चीनी मिल का 40 हजार क्विंटल पेराई की क्षमता वाला संयंत्र बंद पड़ा हुआ था। देवबंद चीनी मिल पिछले कुछ वर्षों से समय पर गन्ना भुगतान करने में प्रदेश में पहले स्थान पर चल रही है और क्षेत्रीय किसानों की पहली प्राथमिकता देवबंद चीनी मिल बनी हुई है। किसानों की बढ़ती मांग और पसंद के चलते त्रिवेणी चीनी मिल के प्रबंधकों और मालिकों को अपना बंद पड़े प्लांट को भी इस साल शुरू करना पड़ा है।
डा. मिश्र ने बताया कि सहारनपुर की सहकारी चीनी मिलें सरसावा 07 नवंबर को और नानोता किसान सहकारी चीनी मिल 10 नवंबर को पेराई सत्र शुरू कर देगी। सहारनपुर की शेरमऊ और गागलहेड़ी प्राइवेट चीनी मिलें 07 नवंबर को पेराई शुरू कर देंगी।
समय पर मंडल में पेराई सत्र शुरू हो जाने से गन्ना किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। डा. मिश्र ने यह भी बताया कि जिन चीनी मिलों पर गन्ना मूल्य का बकाया है, उनको निर्देश दिया गया है कि वे दो माह के भीतर पूरे बकाये का भुगतान कर दें।