बेंगलुरु। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि विश्व के वर्तमान उथल-पुथल के दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सावधानीपूर्ण योजना, लक्षित सुविधा और राजकोषीय सूझबूझ से भारत को स्थिरता के द्वीप के रूप में देखा जा रहा है।
सीतारमण ने यहां कर्नाटक वैश्विक निवेशक सम्मेलन 2022 के एक सत्र काे संबोधित करते हुए कहा,“ सावधानी पूर्वक नियोजन, लक्षित सुविधा और राजकोषीय सूझबूझ के साथ मुख्य रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था की शक्ति और चुनौतियों की समझ के साथ प्रधानमंत्री ने आगे बढ़कर अर्थव्यवस्था का नेतृत्व किया। उद्योगों, खासकर सूक्ष्म, लघु एवं मझौले क्षेत्र को लक्षित समर्थन देकर यह सुनिश्चित किया कि अर्थव्यवस्था झंझावात से सावधानी पूर्वक बाहर निकल सके।”
वित्त मंत्री ने कहा, “ इसका परिणाम है कि हम 2020 और आज के बीच हम उस स्थिति से बाहर आए हैं, जहां चुनौतियां बनी हुई थीं। ”
उन्होंने कहा कि नयी चुनौतियां भी सामने खड़ी हो रही हैं लेकिन भारत को अशांति के बीच शांति के द्वीप के रूप में देखा जा रहा है। देश के समक्ष अभी भी चुनौतियां हैं लेकिन अन्य देशों की तुलना में खतरा हमारे लिए कम है।
वित्त मंत्री ने कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की बैठकों के लिए वाशिंगटन की अपनी हाल की यात्रा के दौरान चर्चाओं में भारत को स्थिरता और शांति टापू होने की बात सुनी।
उन्होंने ने केंद्र सरकार की योजनाओं के अनुसार सावधानीपूर्वक अपनी योजनायें बनाकर निवेशकों के लिए राज्य में एक अच्छा माहौल बनाने को लेकर कर्नाटक सरकार की सराहना की।
सीतारमण ने कहा,“ मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बताया है कि जब इस सम्मेलन की योजना बनायी जा रही थी तो उनका लक्ष्य लगभग पांच लाख करोड़ रुपये के दायरे में निवेश आकर्षित करना था। आज यह बढ़कर लगभग 7.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जिसमें से राज्य सरकार 2.8 लाख करोड़ रुपये से संबंधित प्रस्तावों को पहले ही मंजूरी दे चुकी है। ”