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Posted at: Nov 8 2022 8:14PM
नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्टिंग के विरोध में प्रदर्श
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के नैनीताल से शिफ्टिंग के विरोध में मंगलवार को शहर में विरोध प्रदर्शन किया गया और जुलूस निकाला गया। विरोध में स्थानीय व्यापार मंडल व आम लोगों ने बेशक दूरी बनाये रखी।
पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के बैनर तले आयोजित इस जुलूस में मामूली लोगों ने प्रतिभाग किया। उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं का भी अवकाश के चलते जुलूस को कम समर्थन मिला। बहुत मामूली संख्या में ही अधिवक्ता जुलूस में शामिल रहे।
प्रदर्शनकारी दोपहर दो बजे मल्लीताल रामसेवक सभा में एकत्र हुए और जुलूस की शक्ल में माल रोड होते हुए तल्लीताल गांधी जी की मूर्ति तक गये। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाथ में पोस्टर लेकर उच्च न्यायालय व अन्य कार्यालयों के शहर से बाहर स्थानांतरण का विरोध किया।
पूर्व सांसद व उच्च न्यायालय के अधिवक्ता महेन्द्र सिंह पाल व रमन साह ने कहा कि उच्च न्यायालय के स्थानांतरण से पर्वतीय राज्य की बची-खुची अवधारणा भी खत्म हो जायेगी। हाईकोर्ट बार के पूर्व अध्यक्ष सैयद नदीम मून व अधिवक्ता योगेश पचोलिया ने कहा कि पर्वतीय राज्य की राजधानी व उच्च न्यायालय पर्वतीय क्षेत्र में स्थापित होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि तराई में ले जाने के बजाय राजधानी व उच्च न्यायालय को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण में स्थापित किया जाना चाहिए। इससे प्रदेश की जनता में विश्वास पैदा होगा और रिवर्स पलायन बढ़ेगा।
प्रदर्शनकारियों ने नैनीताल में सुविधा नहीं होने के कारण हाईकोर्ट को तराई में शिफ्ट किये जाने की सोच का भी विरोध किया और कहा कि सरकार को पहाड़ों में बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाना चाहिए न कि इस वजह से कार्यालयों को तराई व अन्य जगहों में शिफ्ट किया जाना चाहिए।