देहरादून। भ्रष्टाचारों व घोटालों से त्रस्त ऊर्जा निगमों पर उत्तराखंड के सीएम का कब होगा एक्शन और कब लगेगी लगाम ऊर्जा प्रदेश के उपभोक्ताओं पर असहनीय बोझ थोपने वाले यूपीसीएल के एमडी पर?
सूत्रों की अगर यहां माने तो विगत कुछ दिनों से सीएम धामी के निरंतर एक्शन मोड और कड़क रवैये को देखते हुए एवं अपने कर्मों के भयंकर परिणामों की आशंका वश पिटकुल से विभिन्न एनओसी इकठ्ठा कर चुके एमडी यूपीसीएल अपना स्तीफा या तो सौंप चुके हैं या फिर देने के लिए विवश हैं बताया जा रहा है। उक्त स्तीफे को लेकर आज विभिन्न चर्चाओं व अफवाहों का बाजार गर्म दिखाई दिया, परन्तु शासन की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई पुष्टि नहीं की गयी है। शासन स्तर पर केवल यही कहा जा रहा है कि प्रोसेस में है। यदि स्तीफे की बात को सच भी माना जाए तो नियुक्ति पत्र की शर्तों पर भी गौर फ़रमाया जायेगा?
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चर्चाएं तो यह भी है कि एमडी यूपीसीएल की जिम्मेदारी किसे सौंपी जाए किसे नहीं? यूजेवीएनएल के निदेशक परियोजना बलोनी, एवं यूपीसीएल निदेशक परियोजना अग्रवाल सहित दिसम्बर माह में सेवा निवृत्त होने वाले यूपीसीएल के ही निदेशक परिचालन प्रसाद का नाम भी कयासों में है। यह भी सम्भावना है कि पिटकुल के प्रभारी एमडी ध्यानी बाजी मारी लें। वैसे एक दो आईएएस भी यूपीसीएल की मलाई खाने की फिराक में बताये जा रहे हैं।
देखना यहां गौर तलव होगा कि अनिल कुमार के स्तीफा की खबर पर कब ऊहापोह की स्थिति समाप्त होती है? या फिर किसी गाज के ही शिकार होंगे महाशय?