नैनीताल। उत्तराखंड के लक्ष्मणझूला, ऋषिकेश वनंतरा रिसॉर्ट से जुड़े बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कहा है कि अंकिता के साथ बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है।
एसआईटी की ओर से शुक्रवार को उच्च न्यायालय में पेश रिपोर्ट में यह बात कही गयी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अंकिता के साथ बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है। और पोस्टमार्टम रिपोर्ट तथा फोरेंसिक जांच में इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
ऋषिकेश स्थित आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चार चिकित्सकों की ओर से अंकिता का पोस्टमार्टम किया गया है और उसमें भी बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है। हत्याकांड का मुख्य आरोपी पुलकित आर्य तथा सह आरोपी सौरभ भाष्कर द्वारा अंकिता का उत्पीड़न किया जा रहा था और उस पर अनैतिक कार्य के लिये दबाव बनाया जा रहा था।
जब अंकिता ने इसके लिये मना किया और पब्लिक में इसका खुलासा करने की बात कही तो आरोपियों ने साजिश के तहत उसे ऋषिकेश ले जाकर चीला नहर में धक्का दे दिया। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि पुलकित ने अपना और अंकिता का मोबाइल भी चीला नहर में फेंक दिया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलकित आर्य आपराधिक प्रवृति का व्यक्ति और उसने घटना के बाद साजिशन 20 अक्टूबर को यमकेश्वर स्थित उदयपुर पल्ला’-2 पटवारी चौकी में अंकिता के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करा दी। अंतिम लोकेशन ऋषिकेश के चीला नहर में कुनाऊं पुल के पास पायी गयी है। दोनों के मोबाइल अभी बरामद नहीं हुए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रिसॉर्ट में सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे लेकिन एसआईटी ने दो डीवीआर बरामद कर फोरेंसिक जांच के लिये भेज दिये हैं। यही नहीं आरोपी पुलकित आर्य ने नया मोबाइल नंबर शुरू कर दिया था। एसआईर्टी ने दोनों आरोपियों के फोन सीज कर दिये हैं। आगे कहा गया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रति भी नियमानुसार मृतका के पिता वीरेन्द्र भंडारी को सौंप दी गयी है।
रिपोर्ट के अनुसार फोरेंसिक टीम भी घटना के बाद मौके पर पहुंची और साक्ष्य जुटाये। इस प्रकरण में रिसॉर्ट कर्मियों व गवाहों से भी पूछताछ की गयी है और कानून सम्मत् तरीके से बयान दर्ज किये गये और जांच में आये तथ्यों के बाद आरोपियों के खिलाफ धाराओं में बढ़ोतरी की गयी।
रिपोर्ट में वीआईपी गेस्ट के आरोप को भी खारिज किया गया है और कहा गया कि इस मामले में रिसॉर्ट कर्मचारियों और आरोपियों से भी पूछताछ की गयी किसी भी वीआईपी अतिथि का नाम सामने नहीं आया है। रिसॉर्ट के प्रेसिंडेंशियल सूइट में रहने वाले मेहमानों को ही वीआईपी अतिथि कहा जाता है। विधायक की भूमिका की जांच की जा रही है। साथ ही कहा गया कि अभी तक किसी भी गवाह ने धमकी या असुरक्षा की बात एसआईटी से नहीं की है। रिपोर्ट में आशुतोष नेगी की ओर से लगाये गये आरोपों को सिरे से खारिज किया गया है। साथ ही कहा गया है कि पर्याप्त साक्ष्य जुटा लिये गये हैं और अभी जांच जारी है। एसआईटी की ओर से याचिकाकर्ता नेगी की धन उगाही के मामले पर भी सवाल उठाये गये हैं।