उत्तराखंड सरकार ने पतंजलि की पाँचों दवाओं पर लगा बैन हटाया – Polkhol

उत्तराखंड सरकार ने पतंजलि की पाँचों दवाओं पर लगा बैन हटाया

हरिद्वार।  पतंजलि संस्थान ने विश्व में सर्वप्रथम आयुर्वेद की औषधियों को 30 वर्षों के निरन्तर पुरुषार्थ व अनुसंधान से रिसर्च एण्ड एविडेंस बेस्ड मेडिसिन के रूप में स्वीकार्यता दिलाई।

पतंजलि योगपीठ द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार उत्तराखंड के आयुर्वेद लाइसेंसिंग अधिकारी अज्ञानी, असंवेदनशील, अयोग्य अधिकारी न केवल पूरी आयुर्वेद की ऋषि परम्परा को कलंकित कर रहे हैं अपितु एक अधिकारी के अविवेकपूर्ण कार्य एवं त्रुटि से आयुर्वेद की परम्परा एवं प्रामाणिक अनुसंधान पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा करने का, उसे कलंकित करने का घोर निन्दनीय कार्य किया गया और पतंजलि को दुर्भावनापूर्वक बदनाम किया।

ऐसे षड्यंत्र योग-आयुर्वेद एवं भारतीय परम्परा के विरोधी लोग करते रहते हैं। इन षड्यंत्रों का मुँहतोड़ जवाब वैज्ञानिकतापूर्ण अनुसंधान तथ्य व प्रमाणों के साथ इनका मुकाबला करते हुए आयुर्वेद को विजयी बनाना हमारा धर्म है। जिस विभाग का कार्य आयुर्वेद को गौरव दिलाते हुए आयुर्वेद को राष्ट्रीय चिकित्सा पद्धति के रूप में प्रतिष्ठापित करना था, वही आयुर्वेद को बदनाम करके आयुर्वेद को मिटाने में लगा है।

इस दुर्भाग्यपूर्ण कृत्य को हम कभी स्वीकार नहीं कर सकते। पतंजलि विश्व की पहली संस्था है जिसके वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक रिसर्च पेपर्स प्रकाशित हुए हैं, दो एनएबीएच एक्रीडिएटेड हॉस्पिटल हैं और अंतराष्ट्रीय मानकों के स्तर के अनेक एनएबीएल एक्रीडिएटेड अनुसंधान लैब हैं। 500 से अधिक विश्वस्तरीय वैज्ञानिक यहाँ सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं।

योग-आयुर्वेद को विश्व में पहुँचाने के लिए जो कार्य किया गया, वह कार्य आजादी के इन 75 वर्षों में किसी सरकार या किसी अन्य संस्थान ने नहीं किया। एक अधिकारी द्वारा जिस तरह का कृत्य किया गया, उससे हम बहुत आहत हैं। आयुर्वेद व योग की स्थापना में किसी भी तरह से कोई भी षड्यंत्र करेगा या किसी भी मेडिकल माफिया या सनातन विरोधी षड्यंत्रकारियों में सम्मिलित होगा, उसके विरूद्ध पतंजलि कानून के दायरे में रहकर अपनी लड़ाई जारी रखेगा।

आयुर्वेद को बदनाम करने के इस अविवेकपूर्ण कार्य का संज्ञान लेकर उत्तराखण्ड सरकार ने जिस प्रकार भूल का सुधार किया उसके लिए हम सरकार के प्रति कृतज्ञ हैं कि सरकार द्वारा संज्ञान लेकर इस त्रुटि का सुधार किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *