दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवाद को जड़ से उखाड़े बगैर हमें विश्राम नहीं है और भारत ने आतंकवाद का भयावह रुप उस समय देखा जब दुनिया ने इसको गंभीरता से नहीं लिया था।
उन्होंने कहा कि दशकों तक विभिन्न नामों और रुपों में आतंकवाद के जरिए भारत को क्षति पहुंचाने की कोशिश की गई है , हमने हजारों बेशकीमती जिंदगियां गंवाई है लेकिन हमने बहादुरी के साथ आतंकवाद का मुकाबला किया है।
मोदी नयी दिल्ली में आतंकवादियों को धन की सुविधा रोकने के विशेष में मंत्रियों के वैश्विक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। श्री मोदी ने कहा ‘हम मानते है कि आतंकवाद की एक अकेली घटना ढेर सारे लोगों पर हमला है, एक अकेली जिंदगी का जाना बहुतों का नुकसान है। इसलिए हम आतंकवाद को जड़ से उखाड़े बिना विश्राम नहीं करेंगे।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद से लंबे अवधि में सबसे अधिक नुकसान गरीब व्यक्ति और स्थानीय अर्थव्यवस्था को होता है। उन्होंने कहा कि “आज दुनिया में किसी को यह बताने की जरुरत नहीं है कि आतंकवाद के क्या क्या खतरे है, पर आज भी कुछ लोगों के मन में आतंकवाद को लेकर कुछ भ्रमित धारणाएं बैठी हुई है।
मोदी ने कहा कि आतंकवाद के हर हमले और हर कार्रवाई की एक समान भर्त्सना होनी चाहिए। भर्त्सना की तीव्रता घटना की जगह को लेकर नहीं बदलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद को तभी हरा सकते है जब हम इसको तनिक भी सहन नहीं करने की एक समान और एकजुट दृष्टि अपनाएंगे।
उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में संगठित अपराधों के खिलाफ कार्रवाई को भी महत्वपूर्ण बताया। श्री मोदी ने कहा कि कट्टरवादिता की मदद करने वालों के लिए किसी भी देश में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
इस सम्मेलन में दुनियाभर के देशों के आतंरिक सुरक्षा मंत्री और अधिकारी जुटे है। सम्मेलन को गृहमंत्री अमित शाह भी संबोधित करेंगे।