नैनीताल। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के तहत नैनीताल के मुक्तेश्वर में संचालित खुरपका-मुंहपका निदेशालय को उड़ीसा स्थानांतरित करने का मामला सामने आया है। केन्द्रीय रक्षा राज्यमंत्री व नैनीताल के सांसद अजय भट्ट ने इसका विरोध किया है तथा इस मसले पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मुलाकात की है।
वर्ष 1900 के दशक में अंग्रेजी हुकूमत ने प्राकृतिक रूप से बेहद खूबसूरत नैनीताल के मुक्तेश्वर में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के तहत लगभग 3000 एकड़ में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) की स्थापना की थी। इस संस्थान ने पशुओं की महामारी के नियंत्रण के लिये कई अनुसंधान किये और पशुओं का जीवन बचाने में मील के पत्थर साबित हुए।
आईवीआरआई के तहत ही इसी दौरान खुरपका-मुंहपका निदेशालय भी खोला गया। आवीआरआई के कुछ हिस्से को सरकार उप्र के बरेली आईवीआरआई परिसर में स्थानांतरित कर चुकी है। अब खुरपका-मुहंपका निदेशालय को उड़ीसा स्थानांतरित करने की योजना है। यहां से प्रयोगशाला उपकरणों को उड़ीसा स्थानांतरित कर दिया गया है।
केन्द्रीय रक्षा राज्यमंत्री भट्ट ने इस संबंध में सोमवार को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मुलाकात की और शोध इकाई के स्थानांतरण का विरोध किया। उन्होंने निदेशालय को स्थानांतरित नहीं करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि शोध इकाई के स्थानांतरण से 100 से अधिक गांवों के पशुपालकों को चिकित्सा सुविधा से वंचित होने के साथ ही यहां काम कर रहे अस्थायी कर्मचारियों के सामने भी रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो जायेगा।