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Posted at: Dec 13 2022 3:52PM
उत्तर प्रदेश योगी मथुरा दो अंतिम मथुर
मथुरा: योगी ने कहा कि यूपी की धरा को दुनिया कौतूहल भरी निगाहों से दिख रही है। नए भारत में नए यूपी की प्रगति पर दुनिया आकर्षित हो रही है।
उन्होने कहा कि भारत तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ रहा है। जीवन व जीविका को बढ़ाया रहा है। यूपी ने भी इसे लागू किया, इसलिए विकास के नए मॉडल के रूप में उन्नति कर रहा है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 10 शहर चिह्नित थे। जो सात नगर निगम बचे थे, उनमें मथुरा-वृंदावन को भी जोड़ा। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) ने न केवल ट्रैफिक मैनेजमेंट, बल्कि कोरोना व कूड़ा प्रबंधन का भी कार्य किया।
सीएम ने बताया कि कोरोना में मैं दो-दो बार यहां आया। उन लोगों के घर जाता था, जिनके यहां कोरोना से कोई पीड़ित होता था। स्वास्थ्य कर्मियों, आशा वर्कर, आंगनबाड़ी समेत सभी ने टीम भावना से जान बचाने का कार्य किया। अब आईसीसीसी का उपयोग ट्रैफिक मैनेजमेंट के साथ सेफ सिटी के साथ करने जा रहे हैं। यूपी के 18 शहर सेफ सिटी के रूप में विकसित हो चुके हैं। सूक्ष्म, लघु व मध्यम (एमएसएमई) उद्यमियों ने ओडीओपी के माध्यम से अच्छा कार्य किया। दुनिया का एक्सपोर्ट घटा, लेकिन यूपी का बढ़ा है।

उन्होने कहा कि हमने पीएम आवास योजना का लाभ दिया तो यूपी में 9 लाख पटरी व्यसाइयों को ब्याज फ्री लोन दिलाया। 45 लाख लोगों को स्वावलंबन के लिए नई मंजिल दी। फ्री में रसोई गैस कनेक्शन, सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन दिया। कोरोना की दूसरी लहर में जब दुनिया पस्त थी, तब बांके बिहारी, यमुना मैया व राधे रानी की कृपा से इसी धऱती पर वैष्णव कुंभ बैठक का आयोजन किया।
योगी ने आह्वान किया कि विकास की प्रक्रिया थमनी नहीं चाहिए। नया बोर्ड गठित होने के बाद कार्य की प्रक्रिया बढ़ाने में कुछ समस्याएं रही होंगी पर बाद में बहुत अच्छा कार्य किया गया। बोर्ड नए कार्य, स्वच्छता के मानक, बुनियादी सुविधाएं बढ़ा रहा था। हर जगह सीवर लाइन बिछ जाए, उसे एसटीपी से जोड़ देंगे तो मथुरा-वृंदावन के साथ जनपद का एक बूंद भी सीवर व ड्रेनेज यमुना में नहीं गिरेगा, जिससे यमुना अविरल व निर्मल हो जाएगी। नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से अनेक कार्य हुए। सीवर को नालों में डायवर्ट किया गया। अब पानी वेस्ट नहीं जाएगा, लेकिन यमुना जी में गंदा पानी नहीं बहेगा।
उन्होने कहा कि यहां तमाम मठ-मंदिर हैं। यहां श्रद्धालु आते हैं। उन्हें बुनियादी सुविधाएं चाहिए। सरकार तो प्रयास कर रही है, लेकिन हमें भी इस प्रक्रिया से जुड़ना चाहिए। ब्रज भूमि गोसंरक्षण का सबसे बड़ा केंद्र है। 5 हजार वर्षों से यह भूमि गोसेवा कर रहा है। हमने उसे बायोफ्यूल व नेचुरल फॉर्मिंग से जोड़ने का कार्य किया। ब्रज भूमि तीर्थ भूमि है। 10 से 12 फरवरी तक लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) कर रहे हैं। किस जनपद में कौन सी संभावनाएं बन सकती हैं। इस पर भी ध्यान देना है।