देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में 1972 के पास आउट हुए सेना के पूर्व अधिकारियों ने अपनी पासिंग आउट की 50वीं साल गिरह पर यहां समारोह का आयोजन किया जिसमें देश विदेश से आये 133 से ज्यादा पूर्व सैन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
परम विशिष्ट सेवा मेडल प्राप्त ब्रिगेडियर श्रुतिकांत ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यहां सैन्य अकादमी के दिसम्बर 1972 के पूर्व अधिकारियों ने अपने पासिंग आउट की 50वीं साल गिरह समारोह पूर्वक मनाई जिसमें कई अधिकारी पुरानी यादों को ताजा करते हुए भावुक भी हुए।
उन्होंने कहा कि उस बैच में कुल 404 अधिकारी शामिल थे जिनमें 330 अधिकारी 50वीं रेगुलर तथा 74 अधिकारी 34वीं टेक्नीकल कोर्स के थे। सभी अधिकारी सेना में सेकेंड लेफ्टिनेंट के रूप में शामिल हुए थे। बैच के पासिंगआउट अधिकारियों में से सेना में 10 लेफ्टीनेंट जनरल, 13 मेजर जनरल तथा 46 ब्रिगेडियर बने थे। बैच के अधिकारियों को सेना ने उनकी सेवा के लिए एक वीर चक्र, पांच सेना मेडल, पांच पीवीएसएम, तीन यूवाईएसएम, 24 एवीएसएम, एक वाईएसएम तथा 29 वीएसएमम से सम्मानित किया था। इनमें से एक मेजर रणजीत मुथन्ना ने श्रीलंका गई शांति सेना के समय अपना महान बलिदान दिया था।
ब्रिगेडियर श्रुतिकांत ने कहा कि समारोह में 133 अधिकारियों ने हिस्सा लिया जिनमें कई अधिकारी और उनके करीबी लम्बे समय बाद मिले। इसमें कई अधिकारी अमेरिका, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया तथा कनाडा से भी स्वर्णजयंती समारोह में भाग लेने आये थे। उन्होंने प्रशिक्षण के दिनों की याद को ताजा किया।
उन्होंने बताया कि समारोह की शुरुआत से पहले देश के लिए बलिदान देने वाले 94 अधिकारियों को नमन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। समारोह के दौरान इन अधिकारियों ने केएम करियप्पा की आदम कद कांस्य प्रतिमा आईएमए को सौंपी।