देहरादून। परिवार नियोजन की जब बात होती है तब महिलाओं को ही उसकी जिम्मेदारी सौंप दी जाती है। मतलब आज भी अगर किसी भी महिला को बच्चे न हों और बच्चे अधिक हो जाएं सबकी जिम्मेदारी महिला की ही होती है जबकि पति-पत्नी दोनो ही बराबर के भागीदार हैं, यह कहना है प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, कालसी डाॅ राजीव कुमार दीक्षित का।
प्रभारी चिकित्साधिकारी ने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की भागीदारी सुनिश्चित हो, इसलिए नवविवाहित दंपति को सास, बेटा, बहू सम्मेलन के द्वारा परिवार नियोजन के प्रति जागरुक किया जायेगा। यह सम्मेलन 26 दिसम्बर 2022 से 04 जनवरी 2023 के बीच स्वास्थ्य उप केन्द्र स्तर पर समुदाय के बीच आयोजित किये जायेंगे। हर सम्मेलन में औसतन 30 प्रतिभागी ही प्रतिभाग करेंगे।
डॉ0 राजीव कुमार दीक्षित ने बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य सास-बेटा-बहू के बीच संबंध, समन्वय और संवाद के जरिये परिवार नियोजन को लेकर बेहतर माहौल कायम किया जाना है। इससे वह प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति अपनी अवधारणाओं, व्यवहार एवं विश्वास में बदलाव ला सकें। प्रायः देखने में आता है कि परिवार में अधिकतर निर्णय में पुरुष की सहमति सर्वोपरि होती है। इसलिए सास-बहू सम्मेलन के दौरान पुरुष सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए बेटे का प्रतिभाग किया जाना आवश्यक है। सास-बहू सम्मेलन से अभिप्राय सास-बेटा-बहू सम्मेलन से हैl