नैनीताल। उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की भूूमि पर से अतिक्रमण हटाने के विरोध में प्रभावित लोग बुधवार को सड़कों पर उतर आये। पीड़ितों ने सत्याग्रह के नाम पर अतिक्रमण हटाने का विरोध किया। अतिक्रमणकारियों की ओर से पुनर्वास की मांग की गयी।
नैनीताल जिला प्रशासन व रेलवे की ओर से 28 दिसंबर से अतिक्रमण हटाने के विरोध में आज सुबह ही सैकड़ों अतिक्रमणकारी बनभूलपुरा की सड़कों पर उतर आये और सत्याग्रह शुरू किया। उनके साथ बच्चे व बजुर्गों भी थे।
उन्होंने अतिक्रमण हटाने का विरोध करते हुए वह सालों से यहां रह रहे हैं और सर्द मौसम में कहां जायें। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों की पढ़ाई के साथ ही युवाओं का भविष्य भी प्रभावित हो रहा है।
कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश, सपा प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीकी भी अतिक्रमणकारियों के साथ सड़क पर उतर आये और अतिक्रमणकारियों का साथ दिया। कांग्रेस विधायक ने अतिक्रमण हटाये जाने के नाम पर एक बार फिर राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की और धामी सरकार पर हमला बोला।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आंख मूंद कर तमाशा देख रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने हाईकोर्ट में इस मामले की ठीक से पैरवी नहीं की लेकिन वह इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय जायेंगे।
उन्होंने सरकार के साथ ही इस मामले में हल्द्वानी नगर निगम को भी घेरा और कहा कि नगर निगम ने भी इस मामले में कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी नजूल भूमि है। सरकारी भूमि है और सालों से लोग यहां रह रहे हैं।
सपा नेता अब्दुल मतीन सिद्दीकी व शोएब अहमद ने भी कहा कि जब तक सरकार उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं देती है तब तक वह यहां से नहीं हटेंगे।
दूसरी ओर प्रशासन की ओर से विरोध की आशंका को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। प्रशासन व रेलवे की टीम की ओर से आज प्रभावित क्षेत्र का सर्वे किया गया और सीमांकन का कार्य शुरू किया गया। अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी से इस प्रकरण में उनका पक्ष जानने की कोशिश की गयी लेकिन उनसे लगातार प्रयास के बावजूद संपर्क नहीं हो पाया।