देवरिया। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शनिवार को कहा कि सरकार किसानों की बेहतरी के लिये एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है।
शाही ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य में 2046 किसान उत्पादक समूह (एफपीओ) बनाये गये हैं। इनमें से 100 एफपीओ को 60 करोड़ रूपये बीज प्रसंस्करण संयंत्र के लिये दिये गये हैं जिसके माध्यम से किसान राज्य के भीतर ही बीज उत्पादन का कार्य कर सके।
उन्होने कहा कि प्रदेश में रबी की खेती का विस्तार हुआ है। इस साल 21 दिसंबर तक करीब 24 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में फसल हुई है। गेंहू के उत्पादन में राज्य देश में सर्वोच्च स्थान पर है और उत्तर प्रदेश देश में 32 फीसदी गेंहू उत्पादन करने वाला राज्य हो गया है। तिलहन और दलहन की फसल के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाना है।
शाही ने कहा कि देश में डेढ़ लाख करोड़ रूपये का खाद्य तेल आयात किया जाता है तथा 25 हजार करोड़ रूपये का दलहन आयात किया जाता है। अगर किसान इसे खुद पैदा करें तो हमारा देश तिलहन और दलहन के मामले मेंं आत्मनिर्भर हो सकता है। इसी को देखते हुए सरकार ने सरसो की साढ़े पांच लाख फ्री मिनी किट किसानों को उपलब्ध कराया गया है जिसका परिणाम रहा है कि प्रदेश में तिलहन और दलहन की फसलों में अच्छी वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में 4384 धान क्रय केन्द्र खोले गये हैं और अभी तक लगभग 40 लाख मीट्रिक टन की धान की खरीदारी की गई है। प्रदेश के 18 जिलों से करीब 42 हजार मीट्रिक टन बाजरे की खरीद की गई है। खेती में राज्य के भीतर बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है और हम आज अपनी आवश्यकता से अधिक खाद्यान्न उत्पादन कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि इसी तरह फल और सब्जियों में चार करोड़ मीट्रिक टन से ज्यादा उत्पादन किये हैं।
शाही ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 119 चीनी मिलेंं हैं। सरकार ने किसानों के एक एक गन्ने को पेरने का काम किया है और किसानों के गन्ना मूल्य का ससमय भुगतान करते रहते हैं।