चमोली/देहरादून। उत्तराखंड में संकटग्रस्त जोशीमठ में भूस्खलन व भूधंसाव से प्रभावित दरार वाले घरों की संख्या बढ़कर 603 हो गयी है।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जानी जोशीमठ की स्थिति हर सम्भव सहायता का दिया आश्वासन।जोशीमठ में लोग अभी भी दहशत में। ठंड बढ़ रही है।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ.सुखवीर सिंह संधु ने रविवार को पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार एवं सचिव, मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुंदरम के साथ जोशीमठ में भू धंसाव क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया।
उन्होंने कहा कि देश के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की टीम द्वारा भूधंसाव कारणों का पता लगाया जा रहा है और इसके कारणों का पता लगने पर जो भी ट्रीटमेंट्स आवश्यक होगा वो यहां पर किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि तत्कालिक रूप से नागरिकों की सुरक्षा बेहद अहम है और स्थानीय प्रशासन इसके लिए लगातार काम कर रहा है। उन्होंने स्थानीय नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी दशा में रिस्क ना ले। ऐसी स्थिति में कभी भी नुकसान ज्यादा हो सकता है। जिला प्रशासन द्वारा जहां पर व्यवस्था की गई है, वहां पर जल्द से जल्द शिफ्ट करें।
इस दौरान मुख्य सचिव डॉ संधु ने मनोहर बाग, सिंग्धार, मारवाडी स्थित जेपी कंपनी प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने मुख्य सचिव को आपदा की स्थिति के बारे में अवगत कराया।
इसबीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के जोशीमठ में भू धंसाव के कारण उत्पन्न स्थिति के बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर अद्यतन स्थिति की जानकारी ली।रविवार को यह जानकारी स्वयं धामी ने मीडिया को अनौपचारिक बातचीत में दी।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने फोन पर विस्तृत जानकारी ली और पूछा कि कितने लोग इससे प्रभावित हुए हैं, कितना नुकसान हुआ तथा लोगों के विस्थापन के लिए क्या किया जा रहा है। धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।