लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में बुधवार चंद्रशेखर आजाद (सीएसए) कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर का 24वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर पटेल ने 577 छात्राें डिग्री प्रदान की और 60 मेधावी छात्रों को पदक से नवाजा।
दीक्षांत समारोह मेें राज्यपाल ने कुल 577 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। जिसमें 355 स्नातक, 170 परास्नातक, तथा 52 पीएचडी की उपाधियाँ प्रदान की गई। मेधावी और अतिरिक्त योग्यता वाले 60 विद्यार्थियों को पदक देकर सम्मानित किया गया, जिसमें 14 चांसलर स्वर्ण पदक, 18 प्रायोजित स्वर्ण पदक, 14 विश्वविद्यालय रजत पदक तथा 14 विश्वविद्यालय कांस्य पदक प्रदान किए गए। इसके अलावा 20 छात्रों तथा 40 छात्राओं ने पदक प्राप्त किए। राज्यपाल ने सभी पदक विजेताओं का उत्साहवर्द्धन किया। खास बात यह है कि इस बार फिर से यूनिवर्सिटी की बेटियों ने बाजी मारी है। पदक विजेताओं में 33.33 फीसदी छात्र, जबकि छात्राओं की की संख्या ठीक इसके दोगुनी 66.67 हैं।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों और पदक विजेताओं के साथ-साथ उनके माता-पिता और गुरूजनों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा इनके योगदान से ही विद्यार्थी आज सफलता प्राप्त कर राष्ट्र सेवा की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
पटेल ने दीक्षान्त समारोह में सभी उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों से अपेक्षा की कि वे अपने ज्ञान एवं कौशल का उपयोग प्राकृतिक संसाधनों के संवर्द्धन गुणवत्तापरक उत्पादन, कृषि में रोजगार सृजन करके भारत निर्माण के योगदान में करेंगे। उन्होंने कृषि शिक्षा में छात्राओं की बढ़ती संख्या एवं पदक विजेताओं में उनके वर्चस्व पर प्रसन्नता व्यक्त की।
राज्यपाल ने सम्बोधन में उत्तर प्रदेश की वृहद् कृषि क्षमताओं का उल्लेख करते हुए किसानों के हित में प्रदेश एवं केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही कई योजनाओं की चर्चा की। उन्होंने विद्यार्थियों को किसान हित में प्रेरित करते हुए अपेक्षा की कि कृषि विद्यार्थी अपने अर्जित ज्ञान-विज्ञान एवं अनुसंधान से किसानों के विकास में महती भूमिका निभाएं। इसी क्रम में उन्होंने बदलते सामाजिक, भौगोलिक और प्राकृतिक परिदृश्य में विषम होती परिस्थितियों और कृषि की चुनौतियों की भी चर्चा की। उन्होंने अत्याधिक दोहन से घटती उर्वरकता और जलसंकट को भविष्य की एक गम्भीर समस्या बताया। उन्होंने कहा कि इण्डस्ट्री और खेती दो ऐसे क्षेत्र हैं, जहाँ पानी की खपत बहुत है। इन सेक्टर्स से जुड़े लोगों को जल संरक्षण के प्रति अभियान चलाकर जागरूक करना चाहिए।
राज्यपाल ने केन्द्र सरकार द्वारा कम पानी में सिंचाई के लिए ‘‘पर ड्राप मोर क्रॉप” अभियान का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से कृषि सुरक्षा और विपरीत जलवायु परिस्थितियों का मुकाबला कर सकने वाली फसल की किस्मों के विकास पर जोर दिया। उन्होेेंने कहा कि कृषि में उर्वरकों का सही प्रयोग, जैविक तथा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, कृषि भंडारण कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
पटेल ने देश में मोटे अनाज के घटते उत्पादन और प्रयोग पर चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि स्वास्थय की दृष्टि से इनके लाभकारी होने के कारण आज दुनियाभर में इसकी मांग बढ़ी है। उन्होंने विश्वविद्यालय स्तर पर इसके प्रयोग के लाभ और व्यंजनों के प्रचार-प्रसार कराने को कहा।
उन्होंने भारत में जी-20 देशों की बैठकों की जानकारी देते हुए बताया कि ये बैठकें मानवता के कल्याण के लिए ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम‘‘ की थीम पर आधारित हैं। उत्तर प्रदेश के चार शहरों आगरा, वाराणसी, लखनऊ, ग्रेटर नोएडा में भी एक दिसम्बर, 2022 से 30 नवम्बर, 2023 तक इसकी बैठकें आयोजित हो रही हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय को इस कार्यक्रम में उत्साह के साथ प्रतिभागिता के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे मेधावी विद्यार्थियों का चयन करें, जो विदेशी भाषा के जानकार हों। ये छात्र जी-20 देशों के प्रतिनिधियों से संवाद करके जानकारियों के प्रचार-प्रसार, विश्वविद्यालय के नवाचारों, स्टार्टअप तथा अन्य गतिविधियों के डिजिटल प्रचार तथा प्रदर्शनी के अयोजन आदि से हिस्सेदारी कर सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि एवं कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार श्री सूर्य प्रताप शाही तथा राज्य मंत्री श्री बलदेव सिंह औलख ने सभी उपाधि प्राप्तकर्ताओं को जीवन में सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।