भिक्षुकों को काम धंधे से जोड़कर कोटा को भिखारी मुक्त करने का चलेगा अभियान – Polkhol

भिक्षुकों को काम धंधे से जोड़कर कोटा को भिखारी मुक्त करने का चलेगा अभियान

कोटा।  राजस्थान के कोटा में कर्मयोगी सेवा संस्थान ने जिला प्रशासन का सहयोग लेकर कोटा शहर को भिक्षुकों से मुक्त करने के लिए अभियान छेड़ने का निर्णय किया है।

इस अभियान के तहत जिला प्रशासन के सहयोग का सहयोग लेकर कर्मयोगी सेवा संस्थान जरूरतमंद भिक्षुकों की पहचान करके उन्हें काम-धंधे से जोड़ेगा ताकि वे भिक्षावृत्ति की प्रवृत्ति से दूर रहकर अपना जीवन यापन कर सके।

कर्म योगी सेवा संस्थान की ओर से मकर सक्रांति महोत्सव के तहत आयोजित किए जा रहे चार दिवसीय

कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को दूसरे दिन इस अभियान की औपचारिक रूप से शुरुआत की गई जिसमें जिला कलक्टर ओपी बुनकर समेत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों ने भी भाग लिया।

संस्थान के अध्यक्ष राजाराम जैन कर्म योगी ने बताया कि कोटा को भिखारी मुक्त शहर बनाने के लिये जिला प्रशासन, नगर निगम एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयोजन में कर्मयोगी सेवा संस्थान के सहयोग से शुक्रवार को जिला कलक्टर ओपी बुनकर, जयपुर से आए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त निर्देशक एवं कोटा जिला प्रभारी लखपत मीणा एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक ओमप्रकाश तोषनीवाल ने भिखारी मुक्त कोटा अभियान के अंतर्गत स्वरोजगार से जुड़ने के इच्छुक तीन दिव्यांग भिक्षुकों को रोजगार के संसाधन उपलब्ध करवाते हुए माला पहना कर विधिवत शुभारंभ किया।

कर्मयोगी सेवा संस्थान को कोटा शहर में विभिन्न क्षेत्रों में भीख मांग रहे भिखारियों को चिन्हित करने लिए अधिकृत किया है। इसके लिए नगर निगम कोटा उत्तर नयापुरा बस स्टैंड स्थित रेन बसेरे में भिखारियों को प्रशिक्षण देकर रोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए उपलब्ध करवाने के लिये निर्देशित किया है। साथ ही निगम के द्वारा उनके भोजन की व्यवस्था भी इंदिरा रसोई के माध्यम से निर्धारित की गई है।

कर्मयोगी ने जिला प्रशासन के निर्देशानुसार प्रथम चरण में भीख मांग कर गुजारा कर रहे दिव्यांगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से कोटा में भीख मांग कर गुजारा करने वाले परिवारों से संपर्क करते हुए भिक्षावृत्ति से दूर होने एवं स्वरोजगार से जुड़कर सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया था जिसके फलस्वरूप तीनों विकलांगों ने रोजगार से जुड़ने की सहमति प्रदान की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *