देहरादून। उत्तराखंड के कई हिस्सों में हुई बर्फबारी देवभूमि में जन्नत का अहसास करा रही है। ऐसा लग रहा है मानो खुद भगवान शंकर का निवास बन गई हो। जिसे देख जहां लोगो के चेहरे खिल हुए नज़र आए, तो वही हाड़ कपाने वाली ठंड से लोगो का जीवन यापन करना भी दुश्वार होता जा रहा है।
चमोली जोशीमठ में लगातार तीसरे दिन भी मौसम खराब रहा। बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब के साथ ही गौरसों, औली, रुद्रनाथ सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई। वहीं बारिश से तापमान में भारी गिरावट आ गई है। जोशीमठ में तापमान अधिकतम 3 डिग्री और न्यूनतम माइनस एक डिग्री पहुंच गया है। जबकि औली में तापमान अधिकतम एक डिग्री और न्यूनतम माइनस चार डिग्री है।
पर्यटन स्थल रूपकुंड व वेदनी बुग्याल सहित क्षेत्र के बुग्यालों व हिमालयी क्षेत्र के गांव में इस सीजन की पहली बर्फबारी हुई। बर्फ पड़ने से ऊंचाई क्षेत्र के गांवों में ठंड बढ़ गई है। पर्यटन स्थल रूपकुंड, वेदनी, आली, बगजी, बगुवावासा, भीकलताल व ब्रह्मताल में इस सीजन की पहली बर्फबारी हुई है।

वाण गांव के हीरा पहाड़ी ने बताया कि वाण गांव में हुई बर्फबारी का पर्यटकों ने आनंद लिया। बर्फबारी से हिमालयी क्षेत्र के गांवों में शीतलहर चल रही है। वहीं थराली क्षेत्र के ब्रह्मताल, सुपताल, कोलपुड़ी और लेटाल के ऊपरी क्षेत्रों में शुक्रवार सुबह हिमपात हुआ लेकिन बारिश न होने से किसानों को निराशा ही हाथ लगी। किसानों की फसलें सूखने के कगार पर हैं। राजेंद्र सिंह, तुलाराम, देवकी देवी, प्रेमबल्लभ ने कहा कि जल्द बारिश नहीं हुई तो पूरी फसल सूख जाएगी।
केदारनाथ में तीसरे दिन भी रुक-रुककर बर्फबारी होती रही। धाम में लगभग तीन फीट तक बर्फ जम चुकी है। इसके चलते पुनर्निर्माण कार्यों पर भी लंबा ब्रेक लग गया है। धाम से 47 और मजदूर वापस लौट आए हैं। अब, वहां सिर्फ 49 मजदूर रह गए हैं। केदारनाथ में अधिकतम तापमान माइनस 6 व न्यूनतम तापमान माइनस 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।