नैनीताल। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा ने पुष्कर सिंह धामी सरकार की खिंचाई करते हुए आरोप लगाया कि जोशीमठ त्रासदी पर सरकार नाकाम रही है और उसने जोशीमठ त्रासदी की घोर उपेक्षा की है।
मेहरा ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि विधानसभा चुनाव में मिली हार से निराश कार्यकर्ता अब उबर चुका है और भारतीय जनता पार्टी सरकार का मुकाबला करने के लिये खड़ा हो रहा है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि भाजपा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरें। एक राजनैतिक कार्यकर्ता के बतौर जगह जगह प्रदर्शन करें। प्रदेश अध्यक्ष के हुक्म का इंतजार न करें।
बतौर अध्यक्ष पहली बार नैनीताल पधारे श्री मेहरा ने कार्यकर्ताओं से कहा कि विधायक का सपना देखने के बजाय एक लीडर बनने की कोशिश करें। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2027 में प्रदेश में कांग्रेस सरकार को वापस लाकर राहुल गांधी को तोहफा देना उनका लक्ष्य है। इसलिये पार्टी कार्यकर्ता एकजुट होकर भाजपा सरकार के खिलाफ आक्रामक रूख अख्तियार करें और प्रदर्शन करें।
मेहरा ने बनभूलपुरा व जोशीमठ के मामले में भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक खास नेरेटिव सेट किया जा रहा है। बनभूलपुरा इसका उदाहरण है। बनभूलपुुरा के मामले में प्रदेश सरकार तत्काल हरकत में आयी और बयान दिया कि सरकार अदालत के आदेश का पालन करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि जोशीमठ के मामले में प्रदेश सरकार व भारतीय जनता पार्टी दोनों विफल रहे हैं। कांग्रेस के नेता, पार्टी पदाधिकारी व स्थानीय प्रतिनिधि जोशीमठ के मामले में बार-बार सरकार का ध्यान आकृष्ट करते रहे लेकिन सरकार सोई रही।
उन्होंने कहा कि सरकार को तत्काल केबिनेट बैठक बुलाकर आवश्यक कदम उठाने चाहिए थे। गत 13 जनवरी को केबिनेट बैठक बुलायी गयी। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां तक कि भाजपा अध्यक्ष भी आपदा पीड़ितों के बीच नहीं गये। कई दिनों बाद उन्होंने पीड़ितों की सुध ली।
उन्होंने अंकिता मामले में भी सरकार पर हमला बोला और कहा कि सरकार ने इस मामले में ठीक से कार्रवाई नहीं की। पूरे प्रकरण में सरकार की भूमिका संदिग्ध रही है। पहले रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलाया गया फिर आग लगा दी गयी। जिलाधिकारी व एसएसपी बदल दिये गये।
उन्होंने छात्र संघ चुनाव परिणाम पर भी सरकार पर हमला बोला और कहा कि दूरदराज क्षेत्रों में कांग्रेस का संगठन एसएसयूआई जीता है लेकिन देहरादून जैसे शहर में उनका संगठन हार गया है। अपने संबोधन में उन्होंने पार्टी के एकजुट होने का दावा भी किया लेकिन उनकी पीड़ा जुबां पर आ गयी और कहा कि भाजपा के बजाय कांग्रेस पार्टी के अंदर से ही उनके लिए अधिक चुनौतियां हैं।