पांच साल से निरंतर हमारे द्वारा उजागर की जा रही खबर पर अब लगी मुहर : भ्रष्ट काॅकस हुआ बेनकाब !
धाकड़ धामी शासन में एक और भ्रष्टाचार के मामले में कड़ा एक्शन
दो करोड़ 66 लाख की बैंक गारंटी भी की जब्त तथा ब्लैक लिस्ट की तैयारी
महाबली यादव की उल्टी गिनती शुरू : यह तो एक ट्रेलर है पिक्चर अभी बाकी है?
इसी ईशान ने तिलमिलाहट में दिया था नोटिस : अब क्या कहेगी?
(ब्यूरो चीफ सुनील गुप्ता)
देहरादून। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर पुष्कर सिंह धामी सरकार जिस तरह से खरा उतरने और एक के बाद एक ताबड़तोड़ आक्रमण करती नजर आने लगी है उससे लगता है कि अब ऊर्जा विभाग के तीनों निगमों व उरेडा में HR से लेकर TSR सरकार तक के कार्यकाल में हुए वे सभी करोंड़ों करोंड़ों के हुए घोटालों की परतें अब खुलेंगी जिन्हें ये भ्रष्टाचारी काॅकस बड़ी चतुराई से दबाये हुए थे। एमडी ध्यानी के इस कदम से लग रहा है कि भ्रष्टाचारी काॅकस और घोटालेबाजों की अब उल्टी गिनती शुरू हो गयी है और ये सभी जल्द ही बेनकाब होगें!
भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं लांघ चुका ऐसा ही एक मामला पिटकुल का अब परबान चढ़ा है जिसमें निगम को करोड़ का चूना लगाने वाले कान्ट्रेक्टर्स के पक्ष में चीफ इंजीनियर से लेकर एमडी तक ऐन केन प्रकरेण निरंतर सोलह दूनी आठ का पहाड़ा पढ़ते हुए वे ही सुर अलापते चले आ रहे थे जो प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष उसके पक्ष के हों। और हों भी क्यों ना, आखिरकार गुपचुप पार्टनरशिप का हक भी तो अदा करना था वरना करोड़ों का जनधन हड़पने की फिराक कैसे पूरी होती?
उक्त प्रकरण को हमारे द्वारा व हमारे सहयोगी समाचार पत्र “तीसरी आंख का तहलका” 2017 में ही TSR सरकार के कार्यकाल में भी उजागर कर चुके थे और तभी से निरंतर अब तब अपनी पैनी नजर गड़ाए रखकर इन भ्रष्टाचारी दानवों को उनके अंजाम तक पहुंचाने और जनधन की लूट खसोट को जनहित में प्रमुखता के साथ प्रकाशित करते चले आ रहे थे पर ये सरकारें हैं कि मानती ही नहीं थी और “चोर की जांच, डकैत से कराकर” चांदी की चमक में इतिश्री करती चली आ रही थी। ये पिटकुल के तथाकथित वफादार उसी भ्रष्ट कान्ट्रेक्टर ईशान के पक्ष में चादर बिछाते चले आ रहे थे। परन्तु यह तो सच है कि झूठ के पैर नहीं होते और सांच को आंच नहीं होती तथा बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी – एक दिन तो ईद आयेगी ही और वह दिन आखिर आ ही गया भले देर से ही सही..!
आर्वीट्रेशन में केवल एक आइटम की दरों का मामला है विचाराधीन: में: पर स्थितियां बदल गई…?
हांलांकि उक्त ईशान कम्पनी का ही इसी कान्ट्रेक्ट के एक आइटम ट्रिपल फीडर पैनल से सम्बंधित उसकी कीमतों (दरों) को लेकर एक मामला सेवा निवृत्त जस्टिस विष्ट के आर्वीट्रेशन में चल रहा है। इस आर्वीट्रेशन में चल रहे मामले में पिटकुल के ही भीतरघाती आस्तीन के सांप निगम के हित के विपरीत महावली यादव की गुपचुप साझेदारी वाली कान्ट्रेक्टर कम्पनी के पक्ष में वे सभी हथकंडे अपनाने की चेष्टा में तल्लीन दिखाई पड़ रहे हैं, वहीं पिटकुल का प्रबंधन एवं वफादार अधिकारियों का प्रयास है कि नियमानुसार जो ग़लत है उसका विरोध निगम हित में हर सम्भव हद तक करना है। उक्त आर्वीट्रेशन में पिटकुल की ओर प्रख्यात वकील अमित आनंद तिवारी पैरवी कर रहे हैं। विगत 21 जनवरी को सुनवाई थी जिसमें पिटकुल ने लिए ग्रे ऐक्शन और वर्तमान स्थिती की जानकारी से आर्वीट्रेटर को अवगत भी करा दिया है। मजेदार तथ्य अब यह है कि इन बदली हुई परिस्थितियों से मामला रोचक हो गया है और आर्वीट्रेशन में अब क्या होगा यह तो अगली तिथी 5 फरवरी को ही पता चलेगा।
देखिए दर्ज हुई एफआईआर…..
ज्ञात हो कि गत दिवस देर रात पिटकुल के द्वारा थाना पटेल नगर में उक्त प्रकरण पर एक एफआईआर अपराध संख्या 29 /2023 अन्तर्गत धारा 120बी और 420 की जिन पांच अभियुक्तों के विरुद्ध नामजद दर्ज कराई गयी है उनमें मेसर्स ईशान इंटरप्राइजेज, कोलकाता, के स्वामी राजेंद्र मिमानी, अवधेश कुमार, मेसर्स सीटीआर मैन्युफैक्चरिंग कम्पनी, कोलकाता के रविशंकर पाण्डेय, गिरीश चैतन्य आर, एमडी, मैं.वैन्सन इलैक्ट्रिक प्राईवेट लिमिटेड, कोलकाता तथा सुमार व्रह्मभट्ठ, मैं. एच. ई. सी.इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स सिगमा वन कारपोरेट, अहमदाबाद सहित नरेन्द्र एक कोने, मैं. सीगनेट प्रोडक्ट्स प्रा.लि., पुणे (महाराष्ट्र) हैं। इस एफआईआर में पावॅर ट्रांसमिशन कारपोरेशन आफॅ उत्तराखंड लिमिटेड, देहरादून की ओर से अधिकृत अधीक्षण अभियंता (क्रय एवं अनुबंध) सूर्य प्रकाश आर्य की ओर से एक टेण्डर दिनांक 18-5-2016 में अभियुक्तगणों द्वारा टेण्डर की नियम व शर्तों के विरुद्ध आचरण अपनाते हुए वचन पत्र का उल्लंघन करने व परस्पर सांठगांठ करके टेण्डर पूलिंग की गयी और पिटकुल से छल करके निविदा की बिड पार्ट-1 पार्ट -2 डाल कर टेण्डर हासिल कर लिया गया। यही नहीं इस प्रकरण में मैं. ईशान इंटरप्राइजेज, मैं. एच ई सी व मैं. सीगनेट ने षड्यंत्र के तहत बिड डाली और एक ही बैंक एकाउंट से 1556008700001384 पीएनबी, इन्दिरा नगर, देहरादून से ड्राफ्ट सं. 599459, 599513 व 599555 क्रमश: 28375 के बनवाकर छल पूर्वक दुष्कृत्य को अंजाम दिया गया।
इस निविदा में सीनेट और एचईसी बिडर थे तथा वैन्सन और सीटीआर ईशान के साथ ज्वांइट वेंचर में थे।
ये वे तीनों बैंक ड्राफ्ट है जो अपने आप में ही पूलिंग दर्शाते हैं…
मजेदार बात यह है कि उक्त कान्ट्रेक्टर कम्पनी के साथ वर्तमान में यूपीसीएल के एमडी के सुपुत्र के नाम से अप्रत्यक्ष रूप से पार्टनरशिप भी उजागर हो चुकी है तथा इस कम्पनी के चहेता होने की खास बजह यही रही है। विभागीय नियमों के अनुसार निगम के किसी भी अधिकारी का किसी भी तरह से कोई सम्बंध कान्ट्रेक्टर के साथ नहीं होना चाहिए जबकि यहां तो उक्त एमडी यूपीसीएल जो पूर्व में पिटकुल के एमडी भी रह चुके हैं और पिटकुल के ही चीफ इंजीनियर रहते हुए उनके कार्यकाल में उक्त कारनामा परवान चढ़ा था। यही नहीं इन एमडी महोदय का अपने सुपुत्र यशराज के साथ वह एकाउंट संयुक्त खाते के रूप में है जिसके माध्यम से भी ट्रांजेक्शन पाया गया है।
उक्त प्रकरण को वर्तमान एमडी पिटकुल, पीसी ध्यानी ने गम्भीरता से लेते हुए अध्ययन परीक्षण एवं तमाम पुष्टियों के उपरान्त डबल इंजन की धामी सरकार के संज्ञान में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत एक्शन लेते हुए उक्त कान्ट्रेक्टर कम्पनी ईशान इंटरप्राइजेज की 2 करोड़ 66 लाख 6 हजार 677 रुपये की बैंक गारंटी भी विगत दिवस 19 जनवरी को जब्त कर इनकैश कर ली साथ ही अनियमितताओं के चलते टेंडर भी निरस्त कर दिया। यहीं नहीं उक्त कम्पनी को ब्लैकलिस्ट किये जाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
एमडी ध्यानी के इस ताबड़तोड़ ऐक्शन से लगने लगा है कि पिटकुल में हुई घोटालों और भ्रष्टाचारों के मामलों से दोनों हाथों से खुल्लमखुल्ला मची रही लूटखसोट पर अब कड़ी कार्यवाही होगी और भ्रष्टाचारी दानवों को उनके वास्तविक ठिकाने तक पहुंचाया जा सकेगा।
यहां यह भी उल्लेख करना है कि उक्त कान्ट्रेक्टर ईशान अपने कारनामों पर पर्दा डालने एवं मनसूबों को सफल बनाने के लिए नूरा कुश्ती की तरह कभी शासन तो कभी उच्च न्यायालय तो कभी आर्वीट्रेशन में कुलांचे भरता चला आ रहा है और इसकी इन कुलांचों में पिटकुल के ही कुछ अधिकारी व अभियंता इसके पक्ष में संदिग्ध भूमिका निभाते रहे हैं…!
यह भी ज्ञात हो पिटकुल, यूपीसीएल और जलविद्युत निगम सहित चलेगा के ऐसे दर्जनों प्रकरण हैं जिनमें करोड़ों के बारे न्यारे करके जनधन को चूना लगाया जा चुका है और इन मामलों के उजागर होने के उपरान्त जांच पर जांच में लीपापोती की जा चुकी हैं क्योंकि इन भयंकर घोटालों में घोटालेबाजों के तार पिछली TSR और HR सरकार व शासनकाल में शासन में बैठे आला अफसरों से जुड़े रहे और उन्हीं के संरक्षण के चलते भ्रष्ट घोटालेबाजों की पौबारह बनी रही। देखना यहां गौरतलब होगा कि धाकड़ धामी इस बानगी को किस हद तक ले जाने और भ्रष्टाचारी दानवों को उनके वास्तविक ठिकानों में कहां तक पहुंचाते हैं या फिर यूं ही…!
देखिए हमारे सहयोगी समाचार पत्र “तीसरी आंख का तहलका” में प्रकाशित समाचार…
काश, शासन में बैठे आला अफसरों और पिटकुल के जिम्मेदार अधिकारियों ने और पिटकुल के एमडी के पद पर विगत पांच वर्षों में तैनात रहे महानुभावों ने (संलिप्त को छोड़कर) मीडिया व समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों पर गम्भीरता पूर्वक संज्ञान लिया होता तो ये घोटालेबाज तभी बेनकाब हो चुके होते और पिटकुल को करोड़ों का चूना न लग चुका होता? क्या अब इन घोटालेबाजों से भरपाई सम्भव हो पायेगी?
इसी ईशान ने भंडाफोड़ होने पर तिलमिलाहट में “तीसरी आंख का तहलका को दिया डराने व धमकाने हेतु नोटिस, पर अब क्या कहेगा ?