पंतनगर/नैनीताल। कृषि के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने वाले पं गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 34वे दीक्षांत समारोह के मौके पर देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि आज खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि करने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि पंतनगर विश्वविद्यालय देश के लिए गौरव का स्तम्भ है। विश्वविद्यालय ने देश की सेवा उस समय सेवा की है जब हमारे देश अकाल के दौर से गुज़र रहा था और अन्य देशों से खाद्यान्न का आयात करना पड़ता था। आज हम खाद्यान्न में सक्षम ही नहीं बल्कि अन्य देशों को निर्यात कर रहे हैं। उन्होंने आजादी के समय व वर्तमान समय में भारत-चीन की कृषि भूमि व खाद्यान्न उत्पादन का तुलनात्मक विवरण देते हुए कहा कि चीन कम भूमि होते हुए भी 682 मैट्रिक टन अनाज उत्पादन कर रहा है जबकि भारत 315 मेट्रिक टन उत्पादन कर रहा है।
चीन में खाद्यान्न उत्पादन की कीमत 10367 बिलियन डॉलर है जबकि भारत की कीमत 407 बिलियन डॉलर है। उन्होंने कहा कि चीन के पास हम से कम भूमि होते हुए भी हमसे ज्यादा उत्पादन है। उन्होंने कृषि क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों तथा संस्थानों के लिए कहा कि अगर चीन कम भूमि होते हुए भी हमसे अधिक खाद्यान्न उत्पादन करता है तो आपके लिए ये चेलेंज बाॅर्डर पर खड़े सैनिकों के चेलेंज से कम नहीं है।
उन्होंने कहा कि किसान, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं तथा संस्थाओं के लिए यह एक चुनौती है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा, देश की सम्प्रभुता, देश की मजबूती, रक्षा और सुरक्षा का बहुत बड़ा आयाम है। उन्होंने वैज्ञानिकों एवं शोध कर्ताओं के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि हमें खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि करने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।
राष्ट्र सुरक्षा के लिए खाद्य सुरक्षा एक महत्वपूर्ण आयाम है। उन्होंने छात्रों और युवा वैज्ञानिकों से अगले दस वर्षों में उत्पादन को बढ़ाने में योगदान हेतु आह्वान किया। विश्व विद्यालय की ओर से उन्हें विज्ञान वारिधि की मानद उपाधि से नवाजा गया।

उत्तराखण्ड के राज्यपाल एवं कुलाधिपति ले. जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने इस मौके पर कहा कि दीक्षांत समारोह एक महोत्सव की तरह होता है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप सपने देखिए और संकल्प लीजिए। पंतनगर हरित क्रांति की जननी रहा है और पुनः बीज, कृषि और औद्यानिकी में क्रांति लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हम यदि पूरी जिम्मेदारी से योगदान करे तो हमें विकसित राष्ट्र और विश्वगुरू होने से कोई रोक नहीं सकता।
उन्होंने कहा कि त्रिशूलल की तरह तीन बातों को विद्यार्थी धारण करें, प्रथम आप स्वयं की योग्यता को पहचाने, द्वितीय सोच-विचार एवं धारणा को बहुत उच्चे स्तर पर लें जाएं और तृतीय स्वयं को अनुशासन में बनाएं रखें। उन्होंने कीर्ति चक्र से सम्मानित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को विज्ञान वारिधि की मानद उपाधि से सम्मानित किये जाने पर बहुत हर्ष व्यक्त किया।
प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड का भविष्य उज्जवल दिखाई दे रहा है क्योंकि छात्रों की अपेक्षा छात्राओं की संख्या बढ़ रही है। देश के 74 कृषि विश्वविद्यालयसें में नम्बर एक पर है। देश में कृषि का क्षेत्रफल कम हो रहा है लेकिन उत्पादन बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि विलुप्त होती पहाड़ी खाद्य प्रजातियों पर शोध करने की आवश्यकता है।
सचिव, कृषि अनुसंधान एवं षिक्षा विभाग (डेयरी) तथा महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद डा. हिमांशु पाठक ने कहा कि दीक्षांत समारोह हमारे जीवन में एक विशेष स्थान रखता है और चिरस्मणीय होता है। वे इस बात से आहलादित थे कि महामहिम प्रत्येक छात्र से उसके माता-पिता के बारे में पूछ रहे थे, जोकि अपने में एक बहुत बड़ा संदेश है।
इस अवसर पर डीजीपी अशोक कुमार, मण्डलायुक्त दीपक रावत, जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त, एसएसपी मन्जूनाथ टी , मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा, सहित विश्वविद्यालय के प्रबन्ध परिषद् एवं विद्वत परिषद् के सदस्यों के साथ-साथ विश्वविद्यालय के संकाय सदस्य, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी, प्रगतिषील कृषक उपस्थित रहे । इस मौके पर 2503 विद्यार्थियों को उपाधि व दीक्षा प्रदान की गयी।