वसंतोत्सव के जरिये पुष्प प्रदर्शनी राज्य को वरदान साबित हो सकती : गुरमीत

देहरादून। उत्तराखंड के देहरादून स्थित राजभवन में सोमवार को वसंतोत्सव का कर्टेन रेजर आयोजित किया गया।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने इस वर्ष दिनांक तीन से पांच मार्च तक राजभवन में प्रारम्भ हो रहे तीन दिवसीय वसंतोत्सव के बारे में संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने इस अवसर पर कृषकों को औद्यानिकी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने हेतु उद्यान विभाग द्वारा ‘बागवान दैनन्दिनी’ का विमोचन किया।

राज्यपाल ने कहा कि राजभवन में 2003 से प्रारम्भ किया जाने वाला वसंतोत्सव, देहरादून की पहचान बन चुका है। पुष्प प्रदर्शनी के रूप में शुरू हुआ यह आयोजन दिन-प्रतिदिन लोकप्रिय होकर अब एक बडे़ सांस्कृतिक व आर्थिक महोत्सव में बदल चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य में पुष्प उत्पादन से समृद्धि लायी जा सकती है। यहाँ कृषि एवं फूलों के उत्पादन के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं जो उत्तराखंड के लिए एक वरदान साबित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि हमें पुष्प उत्पादन को कॉपरेटिव व कार्पोरेट और कांन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग से जोड़ा जाना जरूरी है।

सिंह ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां एवं उपलब्ध जलवायु पुष्पोत्पादन के लिए उपयुक्त है। कम क्षेत्रफल से अधिक आय प्राप्त होने के कारण कृषकों/उत्पादकों में इसके उत्पादन की अभिरुचि में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष राजभवन के प्रांगण में वसंतोत्सव के आयोजन से पुष्पोत्पादन के क्षेत्र में जनसाधारण एवं कृषकों में विशेष जागरूकता एवं अभिरुचि विकसित हुई है।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड गठन से पूर्व प्रदेश में मात्र 150 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पुष्प उत्पादन होता था, जो वर्तमान में बढ़कर 1609.93 है0 हो गया है, जिसमें गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा के अतिरिक्त कटफ्लावर के रूप में जरबेरा, कारनेशन, ग्लेडियोलस, लीलियम, गुलदाउदी, आर्किड आदि का प्रमुखता से व्यवसायिक उत्पादन किया जा रहा है। वर्तमान में राज्य में लगभग 3022.90 मै0 टन लूज फ्लावर (गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा एवं अन्य) तथा 14.43 करोड़ कटफ्लावर का उत्पादन हो रहा है। वर्तमान में राज्य में लगभग रू. 250.00 करोड़ के फूलों का व्यापार किया जा रहा है।

सिंह ने कहा कि इस अवसर पर विभिन्न 16 प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। जिनमें कुल 62 उप श्रेणी हैं, जिनमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार दिये जाएंगे। इस प्रकार कुल 186 पुरस्कार निर्णायक मण्डल के निर्णय के उपरान्त 05 मार्च को विजेताओं को प्रदान किये जाएंगे। उन्होंने जानकारी दी कि इस वर्ष प्रतियोगिता में पहली बार 04 नई श्रेणियां यथा-रूफटॉप गार्डनिंग, बोन्साई, टेरारियम एवं शहद सम्मिलित की गयी हैं। साथ ही अधिक से अधिक पुष्प उत्पादकों को पुरस्कृत करने के उद्देश्य से कट फ्लावर प्रतियोगिता के अन्तर्गत मात्र व्यक्तिगत एवं कृषकों की ही प्रतिभागिता सुनिश्चित की जायेगी।

सिंह ने बताया कि इस वर्ष तिमरू को विशेष आवरण जारी किये जाने हेतु चयनित किया गया है। उन्होंने बताया कि तिमरू उत्तराखण्ड सहित अन्य पर्वतीय राज्यों में पाये जाने वाला एक कांटेदार, सदाबहार, झाड़ीनुमा पौधा है। तिमरू में विभिन्न औषधीय गुण विद्यमान है। पहली बार वसंतोत्सव के प्रत्येक दिवस विषय विशेषज्ञों/प्रगतिशील कृषकों के साथ इंटर एक्टिव सेशंस आयोजित किये जायेंगे। औद्योनिकी के क्षेत्र में कार्य कर रहे उद्यान उद्यमियों/कृषकों एवं कार्मिकों को प्रोत्साहन दिये जाने के दृष्टिगत सम्मानित किया जायेगा।

सिंह ने बताया कि राज्य में स्थापित कृषि/औद्यानिक विश्वविद्यालयों के साथ-साथ केन्द्रीय संस्थाओं को भी आयोजन में प्रतिभाग करने हेतु आमन्त्रित किया जा रहा है। राज्य में स्थापित कृषि/औद्यानिक विश्वविद्यालयों द्वारा पुष्प के क्षेत्र में किये जा रहे शोध कार्यों का प्रदर्शन स्टॉल के माध्यम से किया जायेगा। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड में उत्पादित शहद, पुष्प, इत्र, मशरूम, जड़ी-बूटी इत्यादि को बढ़ावा देने तथा वृहद प्रचार-प्रसार की दृष्टि से स्टॉल के माध्यम से जनसामान्य को विस्तृत जानकारी प्रदान की जायेगी।

राज्यपाल ने बताया कि पुष्पों के व्यापार/व्यवसाय को बढ़ावा देने हेतु उत्तराखण्ड औद्यानिक परिषद द्वारा क्रेता और विक्रेता सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष प्रथम बार औद्यानिकी से सम्बन्धित विभिन्न गतिविधियों के अन्तर्गत उत्कृष्ठ कार्य करने वाले चयनित कृषकों, उत्पादकों, उद्यमियों एवं विभागीय कार्मिकों को मोमेन्टो/प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि विगत वर्ष की भाँति इस वर्ष भी आमजन को यह सूचित करने के लिए कि पुष्पों का उपयोग सजावट के अतिरिक्त खाद्य पदार्थ के रूप में भी किया जा सकता है। खाने योग्य पुष्पों यथा-गुलाब, गुडहल, रोडोडेन्ड्रॉन, स्ट्रॉबेरी ब्लॉसम इत्यादि की प्रतियोगिता सम्मिलित की गई है। जनपद देहरादून में एक जनपद एक उत्पाद” के अन्तर्गत बेकरी उत्पादों का चयन किये जाने के फलस्वरूप बेकरी उत्पादों हेतु उपयुक्त खाने योग्य फूलों को भी प्रतियोगिता में सम्मिलित किया गया है।

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