मुर्मू ने अरुणाचल में अच्छे बुनियादी ढांचे के निर्माण पर जोर दिया

ईटानगर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को चीन की सीमा से लगे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अरुणाचल प्रदेश में अच्छे बुनियादी ढांचे के निर्माण पर जोर दिया।

मुर्मू ने यहां आईजी पार्क में अरुणाचल प्रदेश के 37वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश क्षेत्र के मामले में पूर्वोत्तर में सबसे बड़ा राज्य होने के अलावा रणनीतिक और भौगोलिक दृष्टि से भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण राज्य है। यह अंतरराष्ट्रीय सीमाओं (तीन पड़ोसी देशों – चीन, म्यांमार और भूटान के साथ) को भी साझा करता है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और राज्य के आर्थिक विकास के लिए अच्छे बुनियादी ढांचे का होना जरूरी है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना के विकास के लिए 44,000 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं को मंजूरी दी है। पिछले साल 600 मेगावाट कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन के चालू होने के बाद अरुणाचल प्रदेश एक बिजली-अधिशेष राज्य बन गया है।

मुर्मू ने इसके अलावा अरुणाचल के पहले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे पर उतरने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। इस हवाई अड्डे का उद्घाटन पिछले साल नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी मौसम में डोनी पोलो हवाई अड्डा राज्य की कनेक्टिविटी में सुधार करेगा और पर्यटन व व्यापार को भी बढ़ावा देगा।

राज्य के स्थापना दिवस पर सभी को बधाई देते और देश के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले अरुणाचल के गुमनाम नायकों को याद करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं के विकास के बिना किसी भी समाज का विकास समावेशी नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा,“मुझे यह जानकर खुशी हुई कि अरुणाचल प्रदेश में पंचायतों की लगभग 47 प्रतिशत प्रतिनिधि महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की महिलाओं को हर क्षेत्र में सफलता मिल रही है।”

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश भर की महिलाएं अरुणाचल की महिलाओं से प्रेरणा लेंगी जैसे कि अंशु जमसेनपा, जो पांच दिनों में दो बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला हैं और तगे रीता ताखे, जो उद्यम में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दे रही हैं और स्थानीय कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचा रही हैं।

राष्ट्रपति ने ‘उगते सूरज की भूमि’ की सुंदरता की सराहना करते हुए कहा कि भारत में सूर्य की पहली किरण अरुणाचल प्रदेश पर पड़ती है।

राज्य सरकार की ओर से अपने सम्मान में आयोजित नागरिक स्वागत समारोह में शामिल होते हुए श्रीमती मुर्मू ने कहा,“अरुणाचल प्रदेश की विभिन्न जनजातियाँ, उनकी सांस्कृतिक विरासत, विविधता में उनकी एकता, हम सभी को प्रेरित करती है। यह कहा जा सकता है कि अरुणाचल प्रदेश का समाज भारत का सूक्ष्म जगत है।”

उन्होंने कहा कि पहाड़ों, घने जंगलों, झीलों, झरनों और वनस्पतियों और जीवों से समृद्ध यह राज्य एक समृद्ध जैव विविधता क्षेत्र है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि अरुणाचल प्रदेश सरकार ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने और जैव विविधता के संरक्षण के लिए ‘पक्के घोषणा’ को अपनाया है।

मुर्मू को यह जानकर भी प्रसन्नता हुई कि अरुणाचल सरकार द्वारा कृषि, बागवानी, स्वास्थ्य सेवाओं और पर्यावरण संरक्षण के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए ये महत्वपूर्ण कदम हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश समेत पूरा पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि जी-20 की कई बैठकें पूर्वोत्तर राज्यों में भी आयोजित की जा रही हैं, जिसमें अगले महीने ईटानगर में एक बैठक भी शामिल है।

उन्हें विश्वास जताया कि इन बैठकों से पूर्वोत्तर राज्यों की संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा इस क्षेत्र में निवेश के अवसर पैदा होंगे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *