प्रयागराज। राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या में शामिल अपराधियों की सहायता करने के आरोप में गिरफ्तार सदाकत खान को अधिवक्ता बताए जाने इलाहाबाद बार एसोसिएशन ने नाराजगी जताते हुये साफ किया है कि सदाकत का वकालत के पेशे से कोई संबंध नहीं है।
बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव (प्रेस) अमरेन्दु सिंह ने एक पत्र जारी करते हुए कहा है कि विभिन्न समाचार पत्रों और सोशल मीडिया में अपराधी सदाकत खान को अधिवक्ता लिखकर भ्रम फैलाया जा रहा है। सदाकत इलाहाबाद बार एसोसिएशन का कभी सदस्य नहीं रहा और न ही इस नाम का कोई अधिवक्ता नहीं है। उसने सदस्यता ग्रहण करने के लिए आवेदन भी नहीं किया है।
सिंह ने कहा कि इस प्रकार की भ्रामक और तथ्यहीन सूचना प्रकाशित अथवा प्रसारित होने से उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं की छवि धूमिल होती है। एसोसिएशन अपने सभी सम्मानित सदस्यों के हित, सम्मान और संरक्षण के लिए हमेशा तत्पर एवं प्रतिबद्ध है।
उन्होने मीडिया से बिना सच परखे कोई भी तथ्यहीन एवं आधारहीन खबरों को प्रकाशित अथवा प्रचारित करने से बचने का अनुरोध किया है।
गौरतलब है कि सदाकत खान को एसटीएफ ने दो दिन पहले गिरफ्तार किया है। वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मुस्लिम हाॅस्टल में अनाधिकृत रह रहा था। उसने उमेश हत्याकांड से संबंधित बहुत से राज भी उगले हैं।