चेन्नई। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के क्यूरियोसिटी मार्स रोवर ने पहली बार मंगल ग्रह पर ‘सूर्य की किरणों’ को कैमरे में कैद किया है।
मार्स रोवर ने सूर्यास्त के समय बादलों के माध्यम से चमकने वाली ‘सूर्य की किरणों’ की तस्वीरें ली। यह पहला मौका है जब दो फरवरी, 2023 को मिशन का 3,730वां मंगल दिवस है।
मंगल ग्रह पर यह पहली बार है कि सूर्य की किरणें, जिन्हें गोधूलि किरणों के रूप में भी जाना जाता है, इतने स्पष्ट रूप से देखा गया है।
काफी समय से मंगल ग्रह पर काम कर रहे रोवर ने एक नयी शुरुआत की और क्लाउड-इमेजिंग अभियान के दौरान एक चमकदार सूर्यास्त की तस्वीरें हासिल की। यहां का सूर्यास्त काफी दुलर्भ होता है लेकिन नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने पिछले महीने इस झलक की तस्वीरें कैमरे में पकड़ने में कामयाब रहा। दो फरवरी को सूर्य जैसे ही क्षितिज में ढलने लगा बादलों के बीच प्रकाश की किरणें दिखाई पड़ी। इन “सूर्य किरणों” गोधूलि किरणों के रुप में भी जाना जाता है।
नासा ने अपनी वेब साईट पर कहा यह पहला मौका था जब मंगल ग्रह पर सूर्य की किरणें इतनी स्पष्ट रूप से देखी गई है।
रोवर ने बादल सर्वेक्षण के नवीनतम प्रयोग के दौरान इस गोधूलि दृश्य को देखा। मंगल ग्रह पर अधिकांश बादल 37 मील (60 किलोमीटर) से अधिक नहीं मंडराते हैं और जमीन के ऊपर और पानी की बर्फ से बने होते हैं। नवीनतम छवियां अधिक ऊंचाई पर दिखाई देती हैं। इससे पता चलता है कि ये बादल कार्बन डाइआक्साईड या सूखी बर्फ से बने हैं।