लखनऊ। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल और बेमौसम बरसात से बेपटरी हुयी विद्युत व्यवस्था की समीक्षा करते हुये उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजलीकर्मियों को चुस्ती बरतने और उपभोक्ता हित में काम करने के निर्देश दिये हैं।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक एम देवराज ने बिजली कर्मचारियों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने कार्यस्थल पर मुस्तैद रहे निष्ठापूर्वक और इमानदारी से काम करें और बेकाबू हुयी विद्युत व्यवस्था को जल्द से जल्द पटरी पर लायें।
शर्मा ने कहा कि टोल फ्री नंबर 1912 को पूरी क्षमता के साथ 24×7 संचालित किया जाये। इसमें आने वाली शिकायतों का संज्ञान लेकर त्वरित समाधान के प्रयास किये जाएं। उपभोक्ताओं को विद्युत कर्मियों के कार्यों से संतुष्टि मिले, इसकी पूरी कोशिश की जाए। मौसम खराबी से कहीं पर भी विद्युत आपूर्ति बाधित होने की शिकायतें आयें, उसका शीघ्र निस्तारण करायें। सभी विद्युत कर्मी अपने कार्य स्थल पर रहकर मुस्तैदी के साथ निष्ठापूर्वक व इमानदारी से कार्य करें। कार्यों को पूर्ण करने में हीलाहवाली, लापरवाही एवं शिथिलता बर्दास्त नहीं की जाएगी।

उन्होने ट्वीट कर कहा कि पूरे प्रदेश में विद्युत कर्मियों की हड़ताल से कहीं-कहीं पर विद्युत व्यवधान की समस्याएं थीं, जिसका समाधान हो चुका है। रात से ही विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से संचालित है। जहां कहीं पर भी आंधी-पानी के कारण विद्युत आपूर्ति में बाधा होने की शिकायतें मिली थीं उसे भी ठीक करा लिया गया है। फिर भी बेमौसम बरसात, आंधी-पानी से कहीं पर भी विद्युत व्यवधान हुआ हो, या लाइन व पोल क्षतिग्रस्त हुए हों, फाल्ट आएं हों, उसे भी शीघ्र ही ठीक किया जायेगा।
उधर, पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने वितरण निगमों के प्रबन्ध निदेशकों को निर्देशित किया कि खराब मौसम को देखते हुये सजगता बरतें।अनेक स्थानों से बारिश और तेज हवा की सूचना प्राप्त हो रही है। ऐसे मौसम में विद्युत आपूर्ति स्थानीय दोशों की वजह से प्रभावित हो सकती हैं, ऐसी स्थिति में स्थानीय दोष कम से कम समय में ठीक हो जाये इसकी व्यवस्था की मानीटरिंग लगातार हो।
अध्यक्ष ने कहा कि सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वाह इमानदारी एवं मेहनत से करें और सभी क्षेत्रों को निश्चित शेड्यूल के अनुरूप विद्युत प्राप्त हो, यह सुनिश्चित करें। राजस्व वसूली में भी तेजी लायी जाये। मार्च महीनें में अब कुछ ही दिन शेष हैं इसलिये राजस्व वसूली के लिये युद्धस्तर पर प्रयास शुरू किये जायें जिससे निर्धारित राजस्व लक्ष्य को पूरा किया जा सके।