नैनीताल। हाथियों को रेल दुर्घटना से बचाने के लिए उत्तराखंड के तराई में रेलवे लाइनों पर नए रैंप का निर्माण किया जाएगा। साथ ही संचार प्रणाली को भी विकसित किया जाएगा।
यह निर्णय रेलवे और तराई वन विभाग के अधिकारियों के मध्य बुधवार को हल्द्वानी में हुई एक बैठक में लिया गया है। बैठक में तय किया गया कि हाथियों के आवागमन के लिए तराई क्षेत्र में रेलवे लाइन पर 11 नए रैम्प का निर्माण किया जाएगा।
नये रैम्प निर्माण के लिए नये स्थानों का चयन किया जाएगा। इसके साथ ही पुराने रैम्पों में भी सुधार करने पर सहमति बनी है। इसके अलावा यह भी तय किया गया कि हाथियों के आगमन की सूचना का आदान प्रदान करने के लिए रेलवे एवं वन विभाग के मध्य संचार प्रणाली विकसित की जाएगी।

यही नहीं तय किया गया कि वन विभाग द्वारा रेलवे कर्मचारी लोको पायलट एवं स्टेशन मास्टर को वन्य जीवों के आवागमन के सम्बन्ध में प्रशिक्षित किया जायेगा।
बैठक में कुमाऊं के मुख्य वन संरक्षक, प्रसन्न कुमार पात्रो एवं पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर के अपर मंडल रेल प्रबंधक, विवेक गुप्ता के अलावा वन संरक्षक, पश्चिमी वृत्त दीप चन्द्र आर्या, प्रभागीय वनाधिकारी, तराई केन्द्रीय वन प्रभाग, वैभव कुमार, प्रभागीय वनाधिकारी, तराई पूर्वी वन प्रभाग, हल्द्वानी संदीप कुमार, उप प्रभागीय वनाधिकारी, रामनगर, तराई पश्चिमी वन प्रभाग, प्रदीप कुमार चौलाखण्डी के अलाव रेलवे की ओर से अरुण कुमार, वरिष्ठ मण्डल इन्जीनियर, इज्जतनगर एवं वीरेंद्र कुमार यादव, वरिष्ठ मण्डल विद्युत इन्जीनियर (कर्षण), इज्जतनगर भी शामिल रहे।