नैनीताल। उत्तराखंड के कुमाऊं में बेमौसमी बारिश ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को जहां दो बड़े हादसा होने से टल गये वहीं तराई वाले इलाके फसलों को नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन नुकसान के आकलन में जुट गया है।
कुमाऊं में पिछले दो दिन से भारी बरसात हो रही है। अतिवृष्टि के चलते जगह जगह सड़क मार्ग अवरूद्ध हो गये हैं जबकि बरसाती नाले ऊफनाने लगे हैं। शुक्रवार को दो बड़े हादसे सामने आये जिनमें कई जिदंगी बच गयीं।
रामनगर में यात्रियों से भरी बस टेड़ा नाले की चपेट में आ गयी। बस में 27 लोग सवार थे। बस यकायक बहने लगी और कुछ देर बाद पलट गयी। लोगों में चीख पुकार मच गयी। आसपास खड़े लोगों ने नाले में कूदकर लोगों की जान बचाई। शीशा तोड़ कर पहले यात्रियों को छत पर चढ़ाया।
इसके बाद पुलिस व लोगों ने सभी को बाहर निकाला। कालाढूंगी-नैनीताल रोड पर भी देर शाम को बड़ा हादसा होने से टल गया। यहां एक कार यूके 04 एजे 1733 पहाड़ी से गिरे मलबे की चपेट में आ गयी।
कार में सवार तीन लोगों ने बमुश्किल जान बचायी। कार मलबे की भेंट चढ़ गयी। कार मालिक अमित लाल साह ने आज जिला प्रशासन को पत्र लिखकर मुआवजा की मांग की है।
बागेश्वर में भी आकाशी बिजली गिरने से एक 10 साल की युवती घायल हुई है। जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बागेश्वर के दुगनाकुरी के सुरकाली गांव में बिशन राम की पुत्री कोमल आकाशीय बिजली की चपेट में आ गयी। उसे तत्काल उपचार के लिये जिला अस्पताल ले जाया गया है। जहां उसका उपचार चल रहा है।
दूसरी ओर बरसात के चलते पहाड़ी एवं मैदानी इलाकों में फल एवं फसल को नुकसान हुआ है। सबसे अधिक नुकसान ऊधमसिंह नगर के तराई में गेंहू की फसल को हुआ है। यहां कम ऊंचाई वाले इलाकों में खेतों में पानी भर गया जिससे फसल को नुकसान हुआ है।
जिलाधिकारी जुगल किशोर पंत ने शनिवार को कुछ इलाकों का दौरा किया और नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि प्रशासन की टीम गांवों का दौरा करने के साथ ही नुकसान का ब्यौरा जुटाने में लग गयी हैं।
पंत ने कहा कि प्रभावित किसानों को आपदा मद से मुआवजा प्रदान किया जायेगा।