श्री तिरपुर मां बाला सुंदरी देवी के दर्शन को उमड़ा जनसैलाब – Polkhol

श्री तिरपुर मां बाला सुंदरी देवी के दर्शन को उमड़ा जनसैलाब

सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में बुधवार को देवबंद स्थित श्री तिरपुर मां बाला सुंदरी शक्तिपीठ एवं कस्बा चिलकाना स्थित बस स्टैंड के मैदान पर स्थित बाला सुंदरी देवी मंदिर पर लाखों श्रद्धालुओं ने देवी दर्शन किए और प्रसाद के रूप में चुनरी, नारियल, हलवा-पूरी, बताशे एवं इलायची का प्रसाद चढ़ाया।

अनेक श्रद्धालुओं ने मां द्वारा पूरी की गई उनकी मन्नतों के प्रति चांदी के छत्र आदि भी चढ़ाएं और अनेक श्रद्धालुओं ने मां से अपनी मन्नतें पूरी करने का आशीर्वाद भी मांगा। देर शाम तक दोनों स्थानों पर श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी लाइनें लगी रहीं। देवबंद में श्रद्धालुओं के मंदिर पहुंचने का सिलसिला रात्रि करीब दो-ढाई बजे से ही शुरू हो गया था जबकि चिलकाना में भोर में चार बजे से श्रद्धालु मंदिर पर पहुंचने शुरू हुए। चिलकाना का मेला आज से शुरू हुआ है और 10 अप्रैल को उसका समापन होगा।

शताब्दियों से चमार चौदस के नाम से विख्यात देवबंद बाला सुंदरी मेले का बीती रात उद्घाटन क्षेत्रीय विधायक लोक निर्माण राज्यमंत्री बृजेश रावत, एडीएम प्रशासन डा. अर्चना द्विवेदी एवं स्वामी दीपांकर जी महाराज द्वारा किया गया था। देवबंद का मेला 15 दिन तक चलेगा।

नगर पालिका बोर्ड भंग होने के कारण मेले का प्रबंध मंत्री बृजेश रावत समर्थकों के हाथ में है। मेले और उसकी व्यवस्थाओं में उन्हीं की चल रही है। देवबंद का बाला सुंदरी शक्तिपीठ का पूरे भारत में उसकी इस खासियत को लेकर विशेष महत्व माना जाता है कि जब देश ऊंच-नीच और भेदभाव की जकड़न में बंधा था तब भी इस मंदिर में उन्हें सम्मान के साथ प्रवेश और पूजा-पाठ करने की अनुमति थी और मेले में भी उन्ही जातियों का वर्चस्व रहता था। यह परंपरा बदस्तूर जारी है। क्षेत्र के लाखों अनुसूचित जाति के लोग अपने अन्य हिंदू धर्मावलंबियों के साथ प्रेम, सहयोग और सद्भाव की भावना के साथ मिलजुलकर देवी के दर्शन करते हैं और मेले में उन्मुक्त भाव से बढ़चढ़कर भाग लेते हैं।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी देवबंद की इस भावना को कई बार रेखांकित कर यहां की मान्यताओं और परंपराओं की सराहना की थी। देवबंद मेला देवी कुंड के विशाल मैदान पर भर रहा है। इस बार मेले का प्रबंधन सुव्यवस्थित ना होने से मेला अभी तक पूरी तरह से नहीं लग पाया है। देवबंद क्षेत्र दलित बहुल है। देवबंद और चिलकाना के देवी मंदिरों पर प्रसाद चढ़ाने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के लोग बड़ी संख्या में लोग शामिल होने आते हैं।

जिला और पुलिस प्रशासन ने दोनों मेलों की फुलप्रूफ व्यवस्था के लिए कड़े बंदोबस्त किए हैं। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने आज इस मौके पर देवी भक्तों को अपनी ओर से हार्दिक बधाई देते हुए इन आयोजनों को शांतिपूर्वक और सफलता के साथ मनाने की अपील की है।

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