नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को प्रदेश सरकार को झटका देते हुए देशी शराब के ट्रेटा पैक में बिक्री पर रोक लगा दी है। साथ ही सरकार से अगली सुनवाई 21 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी की अगुवाई वाली पीठ में इस मामले में सुनवाई हुई। चंपावत निवासी नरेश चंद्र की ओर सरकार के इस निर्णय को चुनौती देते हुए कहा गया कि सरकार की ओर से हाल ही में देशी एवं विदेशी मदिरा के दुकानों के आवंटन के लिये नयी आबकारी नीति नियमावली, 2023 जारी की गयी।
नियमावली के बिन्दु 5.5 के अनुसार देशी शराब के 200 मिली लीटर निप्स को ट्रेटा पैक में बेचने का प्रावधान किया गया है। सरकार की ओर से बकायदा शराब बनाने वाली चार डिस्टलरी को 30 अप्रैल, 2023 तक शराब के ट्रेटा पैक में उपलब्ध कराने को कहा गया है।
याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि प्रदेश सरकार का यह कदम पर्यावरण व पारिस्तिकीय तंत्र के बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। इससे प्रदेश में प्लास्टिक प्रदूषण बढ़ेगा और ईको सिस्टम को नुकसान होगा। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि यह केन्द्र सरकार के प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम, 2013 व नियमावली, 2016 का उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता की सरकार के कदम पर रोक लगाने के साथ ही विदेशी मदिरा की तरह ट्रेटा पैक की जगह कांच की बोतल उपलब्ध कराने की मांग की गयी है। अंत में अदालत ने ट्रेटा पैक की बिक्री पर 21 अप्रैल तक रोक लगाते हुए सरकार से जवाब देने को कहा है।
अदालत ने सरकार से यह भी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है कि उसने इसे लागू करने से पहले किसी प्रकार का होम वर्क किया है? अदालत ने संबद्ध चार डिस्टलरी को भी पक्षकार बनाने के निर्देश याचिकाकर्ता को दिये हैं।