नैनीताल। उत्तराखंड में गुरुवार को आदि कैलाश यात्रा का आगाज हो गया है। कुमाऊं के द्वार काठगोदाम से आज पहला दल आदि कैलाश के लिए रवाना हुआ।
कुमाऊं मण्डल विकास निगम (केएमवीएन) के प्रबन्ध निदेशक विनीत तोमर एवं महाप्रबन्धक एपी वाजपेयी ने यात्रा को हरी झंडी दिखायी। श्री तोमर ने बताया कि पहले दल में नौ महिलाओं सहित 19 श्रद्धालु शामिल हैं। केएमवीएन की ओर से यात्रियों का परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष कुल 34 दल आदि कैलाश के दर्शन को जायेंगे। यात्रियों की सुविधा के लिए उच्च हिमालयी क्षेत्र में दो जगहों पर स्वास्थ्य की जांच की जायेगी। उन्हीं यात्रियों को आगे यात्रा की अनुमति दी जायेगी तो स्वास्थ्य परीक्षण में सफल होंगे। उन्होेेेंने यात्रियों से अपील की है कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में गन्दगी न करें।
आदि कैलाश यात्रा को लेकर भोले के भक्तों में भारी उत्साह दिखाई दिया। उन्होंने आगे कहा कि दल शाम तक पिथौरागढ़ पहुंचेगा। इसके बाद आगे की यात्रा शुरू होगी। दल के साथ टीम लीडर पवन चौधरी शामिल हैं।
महाप्रबन्धक वाजपेयी ने बताया कि आठ दिनों तक चलने वाली यह यात्रा नीम करोली बाबा आश्रम (कैंची धाम), चितई गोलू मंदिर, जागेश्वर धाम, पार्वती मुकुट, ब्रह्मा पर्वत, शेषनाग पर्वत, शिव मंदिर, पार्वती सरोवर, गौरीकुंड, पाताल भुवनेश्वर, महाभारत काल के बहुत से स्थानों जैसे पांडव किला, कुंती पर्वत, पांडव पर्वत एवं वेदव्यास गुफा से होकर गुजरेगी।
उन्होने कहा कि यात्रा में हवन, पूजा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन का भी प्रावधान किया गया है। इस अवसर पर एडवेंचर मैनेजर गिरधर सिंह मनराल, भुवन काण्डपाल, ललित तिवारी, गुमान सिंह, रवि मेहरा, हेम जोशी, दीपक पाण्डे के अलावा पर्वतारोही गंगोत्री बिष्ट, चन्द्रा अधिकारी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि कुमाऊँ मंडल विकास निगम की ओर से 1990 से प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा के साथ ही आदि कैलाश यात्रा का भी संचालन किया जा रहा है। कोरोना महामारी के बाद उत्तराखंड के रास्ते होने वाली कैलाश यात्रा पिछले कई वर्षों से ठप पड़ी है। केएमवीएन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए पिछले साल से आदि कैलाश यात्रा शुरू की गयी है।