बेंगलुरु, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर किये जा रहे हमले को लेकर बुधवार को कहा कि उन्हें सत्ताधारी भगवा पार्टी पर हमला करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में महंगाई दर छह प्रतिशत से ऊपर थी।
सीतारमन ने यहां जयनगर मतदान केंद्र पर अपना वोट डालने के बाद संवाददाताओं से कहा,“ जब संप्रग सरकार 10 साल सत्ता में थी, तब महंगाई दर छह फीसदी से ऊपर थी। अब छह फीसदी का क्या मतलब है? कोई कह सकता है कि छह फीसदी महंगाई दर सहनीय है, लेकिन संप्रग शासन के दौरान यह छह प्रतिशत से अधिक थी। ”
उन्होंने कहा,“ हां, मैं लोगों के साथ हूं, महंगाई दर और नीचे आनी चाहिए, लेकिन विपक्ष के पास कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि उन्हें उन दरों को देखना चाहिए, जो उनके शासन के दौरान थीं। ”
सीतारमन ने कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए लगातार कई कदम उठाए हैं और यह प्रशंसनीय है कि वर्तमान बसवराज बोम्मई सरकार ने राज्य में ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती की।
वित्त मंत्री ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा, क्योंकि कांग्रेस और जेडीएस ने राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव प्रचार के दौरान इसे मुख्य मुद्दों में से एक बनाया था।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के हनुमान मंदिर जाने पर श्रीमती सीतारमण ने कहा कि वे “चुनावी भक्त” (चुनाव के दौरान भक्त) हैं, और कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का संकल्प लेना उसके द्वारा उठाए गए सबसे बेवकूफी भरे कदमों में से एक है।
उन्होंने कहा,“ हम हमेशा बजरंग बली जी को प्रणाम करते हैं और हनुमान चालीसा पढ़ते हैं। लेकिन कांग्रेस के लोग चुनाव के दौरान हनुमान जी के भक्त बन जाते हैं। कर्नाटक हनुमान जी की जन्मभूमि है। मैं सुनी-सुनाई बात नहीं कर रही हूं, यह उनके घोषणापत्र (बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के लिए) में लिखा है।” इससे ज्यादा मूर्खतापूर्ण कदम (कांग्रेस द्वारा उठाया गया) नहीं हो सकता है।