देहरादून। बिजली उपभोक्ताओं को कटौती से बचाने के लिए यूपीसीएल ने नियामक आयोग से लंबी अवधि के कांट्रेक्ट से 660 मेगावाट बिजली खरीद की जो अनुमति मांगी थी, आयोग ने दे दी है। इसके तहत 21 मई से 220 मेगावाट बिजली मिलनी शुरू हो गई है, जबकि एक जून से 400 मेगावाट बिजली मिलेगी। प्रदेश में इस साल बिजली किल्लत से पार पाने के लिए राज्य सरकार ने पहले ही कवायद शुरू कर दी थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने अप्रैल माह के लिए 332 मेगावाट, मई के लिए 332 मेगावाट, जून के लिए 317 मेगावाट, जुलाई के लिए 276 मेगावाट, अगस्त के लिए 260 मेगावाट और सितंबर के लिए 165.6 मेगावाट गैर आवंटित कोटा से बिजली दे दी थी।
इसके बाद सरकार ने प्रयास किए, जिस पर ऊर्जा मंत्री ने राज्य को एनटीपीसी के बोगंई गांव स्थित तापी संयंत्र से 35.25 मेगावाट का अतिरिक्त कोटा एक वर्ष के लिए आवंटित कर दिया था। फिर भी जून माह में बिजली की मांग 5.5 करोड़ यूनिट प्रतिदिन तक पहुंचने का अनुमान है।
बिजली खरीद के दोनों प्रस्तावों को सैद्धांतिक मंजूरी
लिहाजा, यूपीसीएल ने नियामक आयोग से लंबी अवधि के करार (एलडीसी) के तहत दो टेंडर से बिजली खरीद की अनुमति मांगी थी। इसके तहत 21 से 30 मई के बीच इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के माध्यम से 220 मेगावाट बिजली मिलनी भी शुरू हो गई है। जबकि 01 जून से 30 जून के बीच एक्सचेंज के माध्यम से 400 मेगावाट बिजली मिलेगी। नियामक आयोग के सचिव नीरज सती ने बताया कि आयोग ने बिजली खरीद के दोनों प्रस्तावों को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।