मानवता, साधना व अध्यात्म को जानना है तो मायावती आश्रम आयें: राज्यपाल – Polkhol

मानवता, साधना व अध्यात्म को जानना है तो मायावती आश्रम आयें: राज्यपाल

नैनीताल। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्निेंट जनरल (से0 नि0) गुरमीत सिंह दो दिनी दौरे पर शुक्रवार को चंपावत पहुंचे। उन्होंने मायवाती आश्रम भ्रमण के साथ ही विभिन्न संगठनों से मुलाकात की।

महामहिम सर्वप्रथम लोहाघाट केे अद्वैत मायावती आश्रम पहुंचे और आश्रम का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने आश्रम को लेकर पूरी जानकारी ली और प्रकृति का आनंद लिया। आश्रम के स्वामी शुद्धिदानंद जी ने उन्हें आश्रम से जुड़ी पूरी जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि 1901 में स्वामी विवेकानंद जी एक सप्ताह के प्रवास पर यहां आये थे। उन्होंने बताया कि यहां पर निशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित किये जाते हैं और देश विदेश के चिकित्सकों की ओर से मरीजों का उपचार किया जाता है।

इस अवसर पर महामहिम ने कहा कि लोहाघाट की गोद में बसा मायावती आश्रम ऐतिहासिक व एक रमणीक स्थान है और यह स्थान स्थान देश विदेश के लोगों को अध्यात्म की ओर आकर्षित करने में सहायक है।

उन्होंने कहा कि आश्रम से हिम से आच्छादित 350 किमी के हिमालय के दर्शन किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे भारत के साथ पूरे विश्व को यह बताना चाहता हूं कि अगर किसी को मानवता, अध्यात्म, साधना, वेद और योग की जानकारी लेनी है तो वह एक बार जरूर मायावती आश्रम पहुंचे।

इसके बाद उन्होंने सर्किट हाऊस में पूर्व सैनिकों के साथ ही पूर्व सैनिकों, महिला समूहों व रेडक्रास सोसाइटी के लोगों से मुलाकात की। उन्होंने पूर्व सैनिकों के साथ सेना के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने चंपावत के बनबसा में सेना में बिताये तीन के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि उन्हें बनबसा, चंपावत, टनकपुर, खटीमा, नानकमत्ता एवं पिथौरागढ़ से काफी लगाव है और ये क्षेत्र में मुझे पवित्र बनाते हैं।

इसके साथ ही राज्यपाल सिंह ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से मुलाकात की और उनकी हौसला बढ़ाया। उन्होंने महिला समूहों से आनलाइन मार्केंटिग सुविधा का लाभ उठाने को कहा। उन्होंने उत्पादों खासकर बद्री गाय के दूध से तैयार घी की सराहना की। उन्होंने समूहों की ओर से तैयार उत्पाद भी खरीदे।

राज्यपाल ने रेडक्रास सोसाइटी के पदाधिकारियों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि रेडक्रास से अधिक से अधिक लोगों जोड़ा जाये। इसके लिये अभियान चलायें। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों से भी मुलाकात कर सुझाव लिये। नागरिकों ने कुछ समस्याओं की ओर उनका ध्यान आकृष्ट किया।

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