नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेशभर में जेलों में सीसीटीवी लगाने और विस्तारीकरण के मामले को लेकर दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए गृह सचिव, जेल महानिरीक्षक (आईजी) के साथ ही कमेटी के अध्यक्ष वीके सिंह को अगली सुनवाई पर अदालत में वर्चुअली पेश होने के निर्देश दिये हैं।
साथ ही अदालत ने सरकार को भी उच्चतम न्यायालय में सरकार की ओर से दायर विशेष याचिका की वर्तमान वस्तु स्थिति से भी अवगत कराने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी।
संतोष उपाध्याय और अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में आज सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि अदालत ने सरकार को जेलों में सीसीटीवी लगाने और सुधारीकरण को लेकर विभिन्न निर्देश दिये थे।

सरकार की ओर से अदालत के आदेश पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। प्रदेश में जेलों की बदतर स्थिति है। जेलों में क्षमता से कई गुना अधिक बंदी हैं। दूसरी ओर से सरकार की ओर से कहा गया कि मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
दरअसल याचिकाकर्ताओं की ओर से उच्चतम न्यायालय के 2015 के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया कि एससी ने सभी प्रदेशों में जेलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने, उनके विस्तारीकरण और सुधारीकरण के निर्देश दिये थे लेकिन सरकार प्रदेश में जेलों को लेकर गंभीर नहीं है।
इसके बाद अदालत ने पूर्व जेल महानिरीक्षक वीके सिंह की अगुवाई में एक कमेटी का गठन कर प्रदेश में जेलों की स्थिति पर रिपोर्ट देने और उन्हें सुधारीकरण को लेकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था। इसके बाद कमेटी की ओर से अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत कर विभिन्न सिफारिश की गयी।
इसके पश्चात अदालत ने कमेटी की सिफारिश के आधार पर सरकार को जेलों में सुविधाओं को लेकर विभिन्न निर्देश दे दिये थे।