नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी ने गुरुवार को निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा के निर्वाचन से संबंधित मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया और याचिका को अन्य पीठ को प्रेषित कर दिया।
दरअसल न्यायमूर्ति मैठाणी की पीठ में आज हरिद्वार खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा के निर्वाचन को चुनौती देने वाली लक्सर कला निवासी वीरेन्द्र कुमार की ओर से दायर चुनाव याचिका पर सुनवाई चल रही थी। इस मामले में 21 जून से लगातार हो रही सुनवाई में गवाहों के बयान शुरू होने के साथ ही बहस चल रही थी।
बताया जा रहा है कि इसी दौरान एक गवाह ने मतदान के बदले पैसे लेने की बात स्वीकारी। इसी को लेकर आज चल रही सुनवाई के बीच याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से कथित रूप से पीठ पर पक्षपाती होने का गंभीर आरोप लगाया।
इसे पीठ ने बेहद गंभीरता से लिया और भारी नाराजगी जाहिर करते हुए इस मामले से अपने को अलग कर लिया। साथ ही याचिका को सुनवाई के लिये नयी पीठ को प्रेषित कर दिया। पीठ ने अपने आदेश में भी इस बात का सख्त लफ्जों में उल्लेख किया है।
उल्लेखनीय है कि विधायक शर्मा के निर्वाचन के खिलाफ अलग-अलग दो चुनाव याचिकायें दायर हैं। वीरेन्द्र कुमार के साथ ही रवीन्द्र पनियाला की ओर से भी पृथक याचिका दायर की गयी है। दोनों याचिकाओं में निर्वाचन को निरस्त करने की मांग के साथ जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत कई आरोप लगाये गये हैं।