बेंगलुरु। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को माता-पिता और शैक्षणिक संस्थानों से छात्रों को स्वस्थ वातावरण प्रदान करने और उन्हें उनकी रुचि के अनुसार करियर चुनने तथा आगे बढ़ाने में मदद करने का आग्रह किया।
मुर्मू ने मुड्डेनहल्ली में श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस के दूसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “यह माता-पिता और शैक्षणिक संस्थानों का कर्तव्य है कि वे छात्रों को स्वस्थ वातावरण प्रदान करें और उन्हें उनकी रुचि के अनुसार करियर चुनने में मदद करें।” उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में शैक्षणिक उत्कृष्टता हासिल करने के बढ़ते दबाव के कारण छात्रों में तनाव और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं बढ़ रही हैं।
उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं किसी भी समाज और देश की प्रगति के लिए एक मूलभूत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक के लिए सस्ती और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना सामूहिक जिम्मेदारी है।
मुझे यह जानकर खुशी हुई कि श्री सत्य साईं विश्वविद्यालय सभी छात्रों को मुफ्त में उच्च शिक्षा प्रदान कर रहा है और मुफ्त छात्रावास सुविधाएं प्रदान करके आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद कर रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना कई गरीब परिवारों को लाभान्वित कर रही है और विश्वविद्यालय ने मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नयी दिल्ली और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सहयोग से श्री मधुसूदन साईं इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च की स्थापना की है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस पहल से स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में और विकास होगा।
उन्होंने इस तथ्य की ओर इशारा किया कि विश्वविद्यालय में लगभग 66 प्रतिशत छात्राएं हैं। वे जीवन के हर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा, “यह हमारे देश में हो रहे बदलावों की एक झलक है।” उन्होंने विश्वास जताया कि परंपराओं के मजबूत आधार पर आधुनिक मूल्यों को अपनाकर महिलाएं देश के विकास में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।