कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (तृकां) ने शनिवार को आरोप लगाया कि पंचायत चुनाव के पहले चरण के मतदान के दौरान दोमकोल में उनके तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई और दो गोली लगने से घायल हो गए है।
तृणमूल ने ट्वीट किया, “चौंकाने वाली और दुखद घटनाओं से मतदाता समुदाय सदमे में है। रेजीनगर, तुफानगंज और खारग्राम में हमारी पार्टी के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है और दोमकोल में दो लोग गोली लगने से घायल हो गए हैं।”
तृणमूल ने सवाल किया, “भारतीय जनता पार्टी (भाजपा),मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग कर रहे हैं और जब केंद्रीय बलों की सबसे ज्यादा जरूरत थी तो वे कहां थे।”
उन्होंने दावा किया कि ये घटनाएं चुनाव शुरू होने से पहले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में केंद्रीय बलों की ओर से ‘भारी विफलता का संकेत’ देती हैं। उन्होंने कहा कि बल नागरिकों की रक्षा करने और अपने कर्तव्य को पूरा करने में अपर्याप्त साबित हुए हैं। उन्हें नागरिकों की सुरक्षा करनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि भाजपा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस एक-दूसरे के साथ मिलकर पार्टी के कार्यकर्ताओं से लोगों को परेशान करने और हिंसा फैलाने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “विभिन्न स्थानों पर हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया, कुछ को मार दिया गया और कई अन्य को घायल है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की कड़ी निगरानी में हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। एक विनाशकारी बम हमले ने मालदा के मानिकचक में तृणमूल पार्टी कार्यकर्ता की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि माकपा के गुंडों ने नादिया के नारायणपुर-I ग्राम पंचायत में उनकी उम्मीदवार हसीना सुल्ताना के पति पर गोलियां चलाईं। उन्होंने चुनाव शुरू होने से ठीक पहले तणमूल कार्यकर्ताओं पर देशी बम फेंके। केंद्रीय बलों की तैनाती के बावजूद, चार कार्यकर्ता घायल हो गए।
उन्होंने आरोप लगाया कि हिंसा की हालिया घटनाएं न केवल केंद्रीय बलों की क्षमता और तैयारियों पर गंभीर संदेह पैदा करती हैं, बल्कि शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका के बारे में भाजपा, कम्युनिस्ट मार्क्सवादी पार्टी और कांग्रेस द्वारा किए गए दावों के खोखलेपन को भी उजागर करती हैं।