ऋषिकेश। उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के नर्सिंग ऑफिसर्स की लंबित मांगों को लेकर बीते दिनों से चला आ रहा गतिरोध मंगलवार को समाप्त हो गया। एम्स प्रशासन व नर्सिंग प्रतिनिधियों के मध्य हुई वार्ता के बाद, अधिकांश बिंदुओं पर विचार विमर्श के बाद सहमति बन गई। इसके बाद नर्सिंग कर्मियों ने अपना विरोध प्रदर्शन स्थगित कर दिया है।
एम्स द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, विभिन्न मांगों को लेकर नर्सिंग ऑफिसरों का गतिरोध एम्स प्रशासन से वार्ता के बाद समाप्त हो गया है। सभी बिंदुओं पर एम्स प्रशासन के नुमाइंदों व नर्सिंग प्रतिनिधियों के मध्य विचार विमर्श के बाद सकारात्मक निर्णय लिए गए। ऑफिसर्स की सभी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विमर्श किया गया। दो दौर की वार्ता के बाद कई मुद्दों पर सहमति बनी है। बताया गया कि पॉलिसी से जुड़े मुद्दों पर एम्स प्रशासनिक टिप्पणी के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजेगा और मंत्रालय की सलाह के उपरांत उक्त बिंदुओं पर निर्णय लिया जाएगा। इनमें इंस्टीट्यूट में कार्मिकों के उपचार के लिए सीजीएचएस प्रणाली, नर्सिंग कैडर के लिए टाइप 3 आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने को अधिक आवास बनाने आदि बिंदु शामिल हैं।
इसके अलावा, नर्सिंग ऑफिसर की नर्सिंग के क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा देने की सुविधा व राजकीय सेवा में उच्च शिक्षा के लिए शैक्षणिक अवकाश सुविधा के बाबत संस्थान अपनी पॉलिसी तय करेगा। लंबित प्रकरणों पर सकारात्मक रुख अपनाने व सौहार्दपूर्वक विमर्श के लिए नर्सिंग ऑफिसर्स ने एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर( डॉक्टर) मीनू सिंह का आभार प्रकट किया।