बीमार घोड़े, खच्चरों को देवदूत बनी म्यूल टास्क फोर्स व डीडीआरएफ की टीम

रुद्रप्रयाग/देहरादून। उत्तराखंड स्थित बाबा केदारनाथ धाम जाने वाले पैदल यात्रा मार्ग पर घायल अवस्था तथा भारी पीड़ा में सामान ढो रहे घोड़े-खच्चरों के लिए मार्ग पर नियुक्त सेक्टर अधिकारी, मियुल टास्क फोर्स तथा जिला आपदा राहत बल (डीडीआरएफ़) की टीमों देवदूत साबित हो रहे हैं।

केदारनाथ यात्रा मार्ग में तैनात सेक्टर अधिकारियों एवं संबंधित टीमों द्वारा संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों पर कड़ी निगरानी रखते हुए निरंतर चेकिंग की जा रही है। जो घोड़े-खच्चर घायल एवं लंगड़ा के चल रहे हैं, उनको तत्काल यात्रा मार्ग से हटाकर उपचार हेतु भेजा जा रहा है। साथ ही, संबंधित घोड़े-खच्चरों के संचालकों के विरुद्ध चालान की कार्रवाई की जा रही है।

सेक्टर अधिकारी, गौरीकुंड, अनिल कुमार ने बताया कि यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों की निरंतर निगरानी के बीच, जो घोड़े-खच्चर पीठ में घाव व पैर में चोट के कारण लंगड़ा कर चल रहे हैं, ऐसे घोड़े-खच्चरों की जांच कर, उनके संचालकों एवं मालिकों पर चालान की कार्यवाही करते हुए यात्रा मार्ग से हटाते हुए उन्हें उपचार हेतु पशु चिकित्सालय भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि बकार अहमद, निवासी ग्राम राहतपुर खुर्द, तहसील नजीवाबाद, जिला बिजनौर (उत्तर प्रदेश) के घोड़े की पीठ में घाव हो रखा था। फिर भी वह खच्चर से सामान ढुलान कर रहा था। तत्काल उसका चालान करते हुए, उक्त घोड़े को उपचार हेतु पशु चिकित्सालय, गौरीकुंड को भेजा गया है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि टीम द्वारा आज शनिवार को सात अन्य घोड़े-खच्चरों की चैकिंग के दौरान, पीठ में घाव व पैर में चोट होने के कारण यात्रा मार्ग से हटाते हुए उन्हें उपचार हेतु पशु चिकित्सालय भेजा गया है।

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अशोक कुमार ने बताया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित बीमार एवं घायल हुए 3730 घोड़े-खच्चरों का अभी तक उपचार किया गया है तथा 15651 घोड़े-खच्चरों का निरीक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि यात्रा हेतु अयोग्य घोड़े-खच्चरों की संख्या 469 है। इसके अलावा 215 घोड़े-खच्चर मालिकों एवं संचालकों का चालान किया गया है तथा 16 व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है।

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