दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू , उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जितेन्द्र सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों तथा राजनीतिक दलों ने दलगत भावना से ऊपर उठकर चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर बुधवार को सफलतापूर्वक उतरने पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
राष्ट्रपति ने एक वीडियो संदेश में इसे एक ‘महत्वपूर्ण अवसर’ बताया और कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों ने इतिहास रचा है। श्रीमती मुर्मु ने कहा, “ऐसे दिन होते हैं जब इतिहास रचा जाता है, आज चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक उतरने के साथ हमारे वैज्ञानिकों ने न केवल इतिहास रचा है, बल्कि भूगोल के विचार को भी नया रूप दिया है, यह वास्तव में एक महत्वपूर्ण अवसर है, ऐसी घटना जो जीवनकाल में एक बार होती है।”
मुर्मु ने कहा, “सभी भारतीयों को गर्व है, मैं इसरो और इस मिशन में शामिल सभी लोगों को बधाई देती हूं और उन्हें आगे और बड़ी उपलब्धि हासिल करने की कामना करती हूं।”
उपराष्ट्रपति ने यहां जारी एक संदेश में कहा कि भारत के लिए यह ऐतिहासिक क्षण है, जब अंतरिक्ष में उसने एक लंबी छलांग लगाई है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 का सफलतापूर्वक उतारना भारतीय वैज्ञानिक की प्रतिभा और प्रतिभा का प्रतीक है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में आगे बढ़ना भारत को वैश्विक नेतृत्व प्रदान किया है।
उन्होंने कहा,“इसरो को इस ऐतिहासिक उपलब्धि और नवाचार के लिए शुभकामनाएं।”
उन्होंने कहा कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग करके भारत ने आज एक बार फिर ये साबित कर दिया कि 21वीं सदी हमारी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चन्द्रयान-3 मिशन के सफलता पर इसरो के वैज्ञानिकों और देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में सूर्य के अध्ययन से बड़े अभियानों की योजना बनायी है।
मोदी ने भारत की इस उपलब्धि को न केवल भारत बल्कि समग्र विश्व के लोगों की सफलता बताते हुए कहा कि भारत इस क्षेत्र में दुनिया के साथ सहयोग करने को तैयार है। उन्होंने इस उपलब्धि को विफलता को सफलता में बदलने का करिश्मा बताते हुए कहा कि दक्षिण (विकाशसील दुनिया) के देश भी इस तरह की कामयाबी हासिल करने में समर्थ है।
प्रधानमंत्री ने जोहान्सबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इसरो के मिशन नियंत्रण कक्ष में सभी वैज्ञानिकों और तकनीशियनों को संबोधित करे हुए घोषणा की कि भारत जल्द ही सूर्य के विस्तृत अध्ययन के लिए ‘आदित्य एल वन’ मिशन जल्द ही शुरू करेगा ।
मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने दक्षिण अफ्रीका गए हैं। उन्होंने वहां से अपने संबोधन में कहा, “मेरे प्यारे देशवासियों, जब हम अपनी आंखों के सामने इतिहास बनता देखते हैं, तो यह जीवन धन्य हो जाता है। यह पल अविस्मरणीय है। यह शाम अभूतपूर्व है। यह शाम विकसित भारत के शंखनाद का है। यह क्षण नये भारत के उद्घोष का है। यह क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है। यह क्षण जीत का, चंद्रपटल पर चलने का है। यह क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है। यह क्षण भारत में नयी ऊर्जा, नये विश्वास, नयी चेतना का है। यह क्षण भारत के उदयमान आह्वान का है। अमृतकाल की प्रथम प्रभा में सफलता की अमृत वर्षा हुई है।” प्रधानमंत्री मोदी ने चंद्रयान -3 की लैंडिंग का सीधा प्रसारण देखा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने बधाई संदेश में कहा,“अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियां अब अभूतपूर्व ऊंचाइयों को छू चुकी हैं। सारा देश उन वैज्ञानिकों पर गर्व महसूस कर रहा है जिन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता, मेहनत और प्रबल इच्छाशक्ति से इस मिशन की सफलता के साथ इतिहास रच दिया है।”
उन्होंने कहा,“विक्रम लैंडर की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग के साथ, भारत ने अंतरिक्ष अन्वेषण के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया है। यह 140 करोड़ भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि और एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि भारत दुनिया में चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर लैंड करने वाला पहला देश बन गया है। यह सफलता भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में क्षमता और शक्ति का प्रमाण है।”
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिक (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री ने बुधवार को चंद्रयान-3 के सफल मिशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई दी है।
सिंह ने आज पत्रकारों से बातचीत में कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता से इस समय हर एक भारतीय गर्व से भर गया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में ख़ुशी का माहौल है इसको लेकर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक जश्न की तस्वीरें सामने आ रही है। चंद्रयान 3 की सफलता के बाद पूरी दुनिया के आगे भारत का बढ़ा है।
उन्होंने कहा, “इसरो को उसके तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए बधाई।” उन्होंने कहा कि हमारे पास लागत प्रभावी तरीकों से सफलता हासिल करने की क्षमता है।
उन्होंने कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान -3 को चांद की ऐसी सतह पर उतरा है जो मुश्किलों की जाल से घिरी है। सबसे बड़ी चुनौती यहां का अंधेरा था। यहां पर लैंडर बिक्रम को उतारना काफी मुश्किल था क्योंकि चांद पर पृथ्वी की तरह वायुमंडल नहीं है। हमारे वैज्ञानिकों ने मुश्किलों को ‘राई’ बनाकर पुरानी गलतियों से बड़ी सबक लेते हुए चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर ‘प्रज्ञान’ को चांद के उस आगोश में पहुंचाकर सांस ली, जहां से कई खगोलीय रहस्यों का परत-दर परत खुलेगा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चन्द्रायन-3 की सफलता पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में नया अध्याय प्रारंभ किया है।
बिरला ने ट्वीट कर कहा,“नई उम्मीदें, नया उत्कर्ष। चन्द्रायन-3 की सफलता पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाइयां। उनके अद्भुत सामर्थ्य के बल पर देश ने स्वर्णिम इतिहास रचते हुए अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में नया अध्याय प्रारंभ किया है। यह उपलब्धि प्रतीक है कि भारत प्रत्येक संकल्प को सिद्धि तक पहुंचा रहा है।”
इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने बुधवार को चंद्रयान -3 की सफलता के लिए अपनी टीम के वैज्ञानिकों को श्रेय दिया और देश के नागरिकों को बधाई दी।
चंद्रयान -3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरकर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने वाला पहला देश बन गया है।
डाॅ. सोमनाथ ने देश के लोगों को बधाई देते हुए चंद्रयान -3 के लैंडर विक्रम की चंद्रमा पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग पर कहा, “चंद्रमा पर हैं भारतीय,भारत चंद्रमा पर है।” विक्रम की सफल लैंडिंग पर बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय के अधिकारियों ने तालियां बजाईं और एक दूसरे को बधाई दी।
भारत चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने वाला अमेरिका ,रूस और चीन के बाद चौथा देश बन गया है। सबसे बड़ी सफलता यह है कि भारत चांद दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन गया है जो इतिहास के पन्नों में स्वर्णीम अक्षरों में दर्ज हो जायेगा।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने चंद्रयान -3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग पर अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत की नयी पहचान बनी है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने वीडियाे संदेश में कहा कि भारत दुनिया में अंतरिक्ष क्षेत्र में एक अलग पहचान बना चुका है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत का एक मजबूत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यह देश के अथक प्रयासों एवं वैज्ञानिकों की अद्भुत क्षमता के बिना संभव नहीं हो सकता था। उन्होंने कहा कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन गया है। यह देश की अभूतपूर्व उपलब्धि है।
वहीं कांग्रेस ने भी चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक उतरने के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी और कहा कि उनकी यह उपलब्धि बेमिसाल है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने चंद्रयान 3 की चांद की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद यहां जारी एक बयान में कहा,“इसरो की आज की उपलब्धि वाकई शानदार है, बेमिसाल है। फरवरी 1962 में होमी भाभा और विक्रम साराभाई की दूरदर्शिता के कारण इंडियन नेशनल कमेटी ऑन स्पेस रिसर्च यानी इंकॉसपर की स्थापना की थी इसमें जो पहले व्यक्ति शामिल थे, पहले चार-पांच व्यक्ति जो शामिल थे, उनमें पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम थे।”

उन्होंने कहा,“इसके बाद 1969 में, अगस्त महीने में विक्रम साराभाई, जो हमेशा अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान को विकास के दृष्टिकोण से देखा करते थे, ने इसरो की स्थापना की। वर्ष 1972 और 1984 के बीच सतीश धवन आए और उन्होंने अद्वितीय नेतृत्व दिखाया। वैज्ञानिक, तकनीकी और मैनेजमेंट के दृष्टिकोण से जो योगदान उनका रहा है, वो बिल्कुल बेमिसाल योगदान रहा है। उनके साथ ब्रह्म प्रकाश जी थे। ब्रह्म प्रकाश एकमात्र ऐसे व्यक्ति रहे हैं, जिन्होंने हमारे परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम और अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम में भी परिवर्तनकारी योगदान दिया है। सतीश धवन के बाद यू आर राव से शुरुआत हुई और कई चेयरमैन आए। उन सभी ने अपना विशेष योगदान इसरो में और हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रमों में दिया।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चन्द्रयान-3 की सफलता को प्रत्येक भारतीय की सामूहिक सफलता बताते हुए कहा है कि यह हम सबके लिए गर्व की बात है।
खडगे ने चंद्रयान-3 के चांद पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद यहां जारी संदेश में कहा कि 140 करोड़ भारतीयों ने अपने छह दशक पुराने अंतरिक्ष कार्यक्रम में आज एक और उपलब्धि देखी। हम अपने वैज्ञानिकों, स्पेस इंजीनियररों, शोधकर्ताओं और इस मिशन को सफल बनाने में शामिल सभी लोगों की लगन, कड़ी मेहनत और समर्पण को सलाम करते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “ये उपलब्धियाँ पंडित जवाहर लाल नेहरू के विज़न का प्रमाण हैं जिन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैज्ञानिक सोच ही एक स्वतंत्र राष्ट्र के विकास की भावना को आगे बढ़ा सकता है। उनके लिए विज्ञान लोगों के जीवन में तेजी से बदलाव लाने का प्रमुख साधन था। भारत के अन्य प्रधान मंत्रियों ने भी इस भावना को आगे बढ़ाया। आर्यभट्ट मिशन हो या राकेश शर्मा की अंतरिक्ष यात्रा यात्रा या फिर उसके बाद के अन्य मिशन हों, भारत ने अंतरिक्ष शोध औऱ अनुसंधान के क्षत्र में एक लंबा और सफल सफर तय किया है।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद इसरो को बधाई देते हुए कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने देश की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति का प्रमाण दिया है।
बनर्जी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “चंद्रयान-3 की जय! इसकी शानदार सफलता की जय हो। इसरो की जय। चंद्रमा पर सफलतापूर्वक एक अन्वेषण मिशन भेजने में हमारे देश की शानदार उपलब्धि की जय हो। हमारे वैज्ञानिकों ने देश की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति का प्रमाण दिया है।” उन्होंने कहा, “भारत अब अंतरिक्ष की सुपर लीग में है। अभियान के सभी गौरवान्वित विद्वानों और हितधारकों को हार्दिक बधाई। आइए हम इस गौरवशाली क्षण का जश्न मनाएं और ज्ञान एवं अनुप्रयोगों के अग्रणी क्षेत्रों में भारत की प्रगति के लिये प्रार्थना करें। जय हिंद!”
इस बीच, देश के अन्य नेताओं ने भी चन्द्रयान-3 मिशन की ऐतिहासिक और अभूतपूर्व सफलता पर प्रसन्नता ज़ाहिर की।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “यह सफलता समूची पृथ्वी, संपूर्ण मानवता और ‘नये आत्मनिर्भर भारत’ की सामर्थ्य को समर्पित है। अभिनंदन।”
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक्स पर लिखा, “1962 में शुरू हुए भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम ने आज चंद्रयान-3 के रूप में एक नयी ऊंचाई तय की। पूरा देश आज भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की इस गौरवशाली यात्रा पर गर्व महसूस कर रहा है। सभी देशवासियों के लिये खुशी का क्षण है। सभी वैज्ञानिकों और देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं। जय हिन्द। जय भारत।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस पल को ‘ऐतिहासिक’ और ‘देश के लिए बड़ी उपलब्धि’ बताते हुए सभी देशवासियों, इसरो के वैज्ञानिकों, इंजीनियर और कर्मचारियों को बधाई दी, तो वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “चाँद मुबारक! इसरो, अब और भी आगे जाना है…।”
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, “चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड कर लिया है। भारतीय वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में भारत को ऐतिहासिक उपलब्धि दिलाई। 1962 से देशहित में अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए समर्पित भारतीय इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर इतिहास रचा है। देश के 140 करोड़ भारतीयों को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है।”
राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत सिंह ने कहा, “एक चमकदार उपलब्धि और हमारे वैज्ञानिकों और टीम इसरो द्वारा की गई कड़ी मेहनत का प्रमाण। एक राष्ट्र के रूप में मुझे आशा है कि यह हमारे युवाओं के लिये विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में गहन अनुसंधान की चुनौती को स्वीकार करने और सामाजिक वैज्ञानिक सोच को मजबूत करने का एक स्पष्ट आह्वान है।”
योग गुरु स्वामी रामदेव ने चंद्रयान-3 की सफलता पर भारत के वैज्ञानिकों की बधाई देते हुए कहा है कि देश की मेधाशक्ति का लोहा पूरी दुनियां मान चुकी है और आज की सफलता भारत के विश्व की महाशक्ति बनने में बहुत बड़ा कदम है।
स्वामी रामदेव ने कहा ,“आज का दिन भारत के करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा, शौर्य और स्वाभिमान का दिवस है। आज सभी देशवासियों के लिए संकल्प का दिन है, आइये संकल्प लें कि हम कृषि से लेकर, शिक्षा, स्वास्थ्य,अनुसंधान आदि के क्षेत्रों में अपने हिस्से की जिम्मेदारी अखंड प्रचंड पुरुषार्थ के साथ निभाएंगे। ”
इसके अलावा अन्य राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों एवं उप राज्यपाल ने भी चंद्रयान की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की है। फिल्मी जगत, उद्योग-व्यापार जगत व खेल जगत से जुड़े दिग्गज लोगों ने भी चंद्रयान मिशन की सफलता के लिए इसरो व वैज्ञानिकों को बधाई एवं शुभकानायें दी हैं।
यही नहीं विदेशों से भी चंद्रयान मिशन की सफलता पर भारत और विशेषकर इसरो को बधाई दी गई है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रमुख बिल नेल्सन ने भारत को बधाई देते हुए कहा कि चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर सफल लैंडिंग करके इतिहास रच दिया है।
नेल्सन ने चंद्रयान-3 के चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन( इसरो) को बधाई देते हुए कहा,“ चंद्रयान-3 चंद्र की दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग पर बधाई हो इसरो ! चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान की सफलतापूर्वक सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला चौथा देश बनने पर भारत को बधाई। हमें इस मिशन में आपका भागीदार बनकर खुशी हो रही है।”
इस बीच ब्रिटेन की स्पेस एजेंसी ने इसरो को बधाई देते हुए कहा कि इतिहास बन गया, इसरो को बधाई। उसने सोशल मीडिया ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर इसरो को बधाई देते हुए कहा,“ आपने तो इतिहास रच दिया। इंजीनियरिंग और दृढ़ता की इस अद्भुत उपलब्धि पर भारत को बधाई।”
चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर सफल लैंडिंग के बाद इजरायल ने भी बधाई दी है। इजरायल ने ट्वीट करते हुए कहा,“चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता पर भारत को हार्दिक बधाई! अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रति आपका समर्पण वास्तव में प्रेरणादायक है, और यह उपलब्धि विज्ञान और नवाचार के लिए एक और बड़ी छलांग है।”
अमेरिकी अनुसंधान एजेंसी नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) ने इस अभियान में लैंडर माड्यूल विक्रम को धरती के एकमात्र उपग्रह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर उतारने में इसरो की सफलता को अद्भुत बताया है और कहा है कि इसके माध्यम से भारत में कई नयी प्रौद्योगिकियों को सफलतापूर्वक सिद्ध किया है।
नेशनल स्पेस एजेंसी ऑफ अमेरिका नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने इसरो को बधाई देते हुए ट्वीट किया, “इसरो आपको चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 को सफलतापूर्वक उतारने और भारत को भी चंद्रमा की सतह पर सधे तरीके से पहुंचने वाला चौथा देश बनने पर बधाई! इस मिशन में आपके साथ भागीदार होने पर हमें प्रसन्नता है।”
यूरोपीय एजेंसी ईएसए के महानिदेशक जोसेफ एशबैकर ने ट्वीट किया, “ अद्भुत! इसरो, चंद्रयान-3 और भारत की समस्त जनता को बधाई! विभिन्न नयी प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने और अंतरिक्ष में किसी अन्य खगोलीय पिण्ड पर सधे तरीके से भारत के पहले अवतरण में सफलता का कितना अद्भुत प्रदर्शन! शाबाश! मैं बहुत प्रभावित हूं। एकबार फिर बधाई!”
उन्होंने चंद्रयान-3 की सफलता की घोषणा करने वाले इसरो के ट्वीट को टैग किया है। जिसमें कहा गया है कि मैं अपने ठिकाने पर पहुंच गया हूं और आप भी!
ब्रिटेन की अंतरिक्ष एजेंसी ने ट्वीट किया, “इतिहास रचा गया। इसरो को बधाई! एजेंसी ने इस ट्वीट के साथ भारत का झंडा और चांद की तस्वीर भी लगायी है।”