बिलिंग प्रीप्रेशन एवं पेमेन्ट कलैक्शन में फर्जीवाड़ा प्रकरण-2
आखिर कब बाज आयेंगे ये हेराफेरी से!
ऊर्जा विभाग के यूपीसीएल के टेण्डर में एक और कारनामे का खुलासा
…ताकि दूसरे कम्पटीटर बिडर ना कर सकें पार्टीशिपेट और ये दे सकें विवशता दिखाकर एक्स्टेंशन
कन्फ्यूजन और ढींगामस्ती का उठा रहे अनुचित लाभ!
धाकड़ धामी के धाकड़ सचिव व चेयरमैन का नहीं दिखा कोई ऐक्शन!
(पोलखोल-तहलका ब्यूरो चीफ सुनील गुप्ता)
देहरादून। धामी सरकार का घोटालों और भ्रष्टाचारों पर गाहे बघाये ढोल पीटती और ऐक्शन करती तो दिखाई पड़ती है परंतु इनके ऐक्शन भी “पिक एंड चूज” के आधार पर ही अभी तक नजर जिनपर खास बजह रही होगी। किन्तु मजेदार बात यह है कि यहां भी “चिराग तले अंधेरा” ही है तभी तो उनके सीधे आधीन ऊर्जा विभाग के यूपीसीएल जो भ्रष्टाचार का निगम बन कर रह गया पर मीडिया में निरन्तर हो रहे एक से बढ़कर हो रहे खुलासों के बाद भी कोई ऐक्शन न होने अपने आप में ही सवालिया निशान लगा रहा है या फिर काली कमाई की दुधारू गाय बनाकर इन निगमों को पाला-पोसा जा रहा है?
गत दिवस हमारे द्वारा किये गये यूपीसीएल के बिलिंग प्रीप्रेशन और पेमेन्ट कलैक्शन के टेण्डरों में विगत कई वर्षों से चली आ रही धांधलेबाजी का खुलासा किया गया था और सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया गया था। परन्तु ढांक के बही तीन पात और शासन की अनदेखी से मिल रहे भ्रष्टाचारियों को संरक्षण का एक और मामला प्रकाश में आया है।
ज्ञात हो कि एमडी की चहेती कम्पनी टीडीएस को अनुचित लाभ पहुंचाने और दूसरे कम्पटीटर बिडर्स को प्राईज बिड से बाहर करने का जो तरीका अपनाया गया है एक ओर उत्तराखंड प्रिक्योरमेंट पालिसी का तो मजाक है ही साथ ही विवादास्पद और सरासर जानबूझकर बदनियती से किया गया दुष्कृत्य है।
देखिए इनकी कारस्तानी….
एक ही टेंडर में अलग अलग तिथियों का प्रदर्शित होना बता रहा है कि कन्फ्यूजनक्रयेट करके जिस बिडर को चाहे पार्टी शिपमेंट करने दो और जिसे चाहो इस भ्रांति से बाहर का रास्ता दिखा दो और प्राईज बिड व डाक्यूमेंट सबमिट करने से वंचित कर दो तभी तो हरिद्वार सर्किल के अधीक्षण अभियन्ता ने उक्त ई टेण्डर के उत्तराखंड ई टेण्डर की बेवसाइट पर अपलोड किए गये ई टेण्डर इन्वीटेशन में सबमिशन डेट 26 फरवरी 2024 तथा टैण्डर डिटेल में 26 व 27 फरवरी प्रदर्शित हो रही है। इनके इस दुष्कृत्य के चलते अनेकों बिडर्स अपनी प्राईज बिड नहीं डाल पाए रहे हैं इनके इस कृत्य के पीछे टीडीएस कम्पनी को हरिद्वार का भी पुनः एक्सटेंशन देने का रास्ता साफ किया जा रहा है। हालांकि टीडीएस कम्पनी ने हरिद्वार में पार्टीशिपेट नहीं किया है परंतु जब साहब मेहरबान तो गधा भी पहलवान की कहावत भी तो है। स्वच्छ कम्पटीशन न होने से यूपीसीएल को भारी क्षति का खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा!
उल्लेखनीय है कि यूपीसीएल के इन नौनिहालों के इस उदण्डता व दुष्कृत्य को लापरवाही व त्रुटि न मानकर चेयरमैन व मुख्य सचिव, सचिव ऊर्जा एवं एमडी स्वयं संज्ञान लेते हुए कड़ा ऐक्शन करेंगे और उक्त टेण्डर प्रक्रिया को निरस्त करते हुए दोबारा पारदर्शिता के साथ निविदाएं आमंत्रित करेंगे अथवा फाईनेंशियल बिड की डेट एक्सटेंड की जायेगी ताकि कम्पटीशन से यूपीसीएल को लाभ हो नाकि इनकी जेब में काली कमाई की वृद्धि की जायेगी या फिर…?