देहरादून। अपनी बिभिन्न मांगो के साथ आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री संगठन एवं आशा फैसिटिलेट्टर संगठन सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ द्वारा आगामी 11मार्च 2024 को सरकार के विरूद्ध एक विशाल आन्दोलन की तैयारी हेतु एक प्रेष वार्ता की गयी ।
11/03/2024 को सरकार के विरुद्ध अपना विशाल जन आक्रोश धरना प्रदर्शन एवं विशाल रैली जिसमें लगभग दस से बारह हजार के मध्य आशा, आशा फैसिटिलेट्टर सयुक्त रूप से निकालेगे ,
लम्बे समय से आशा, आशा फैसिटिलेट्टर एक स्वास्थ्य कर्मी के रूप में अपने तन मन धन से कठिन परिश्रम के साथ 2005 से कार्य करती आ रही है,कोरोना जैसी भयंकर महामारी में केवल एक आशा कार्यकत्री ही थी जो घर- घर जाकर अपने परिवार व अपनी जान को दांव पर लगाकर लोगों की देखभाल व सुरक्षा प्रदान कर रही थी।जिससे उन्होंने ईश्वरीय कार्य समझ कर अपनी सेवा दी।इनके इस कार्य को आम जनमानस सहित सरकार द्वारा भी सराहा गया ।परन्तु आज तक आशा बहिनों को सरकार द्वारा एक स्वंय सेविका के रूप में ही पहचान बना कर रखा गया है जो कि एक दुर्भाग्यपूर्ण है ।
आशाओं को आज तक केवल एक प्रोत्साहन राशि के नाम पर लॉलीपॉप पकडाया जा रहा है, जिसका समस्त आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री संगठन एवं आशा फैसिटिलेट्टर संगठन विरोध करता है ।हमारी प्रमुख मांग है कि आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री संगठन को न्यूनतम मानदेय 18000रुपये और आशा फैसिटिलेट्टर संगठन का न्यूनतम मानदेय 24000/रुपये प्रतिमाह किया जाय।
इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री सुमित सिंघल ने कहा कि आशा,आशा फैसिटिलेट्टर संगठन बहुत लम्बे समय से लगातार अपनी बिभिन्न मांगो को लेकर सरकार से आमने-सामने बैठ कर चर्चा करने की बात करते रहे,कहीं बार हमने लिखित रूप में दिया परन्तु आज तक सरकार ने भारतीय मजदूर संघ से सम्बन्ध आशा संगठन की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया,अब हमें मजबूर हो कर सडक पर उतर कर विशाल आन्दोलन करने को बाध्य होना पड रहा है ।
प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भारतीय मजदूर संघ संजीव विश्नोई ने कहा कि आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री, आशा फैसिटिलेट्टर लम्बे समय से राज्य सरकार व केंद्र सरकार से आग्रह करते आ रहे हैं कि इन्हें राज्य कर्मचारी की श्रेणी में रखते हुए न्यूनतम मानदेय 18000रुपये व 24000रुपये किया जाय।
प्रदेश महामंत्री आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री संगठन ललितेश विश्वकर्मा ने कहा कि हम 18–19वर्षों से निरंतर आशा कार्यकत्री के रूप में काम करते आ रहे हैं ।जिसमें आज तक आशाऔ को आज तक केवल प्रोत्साहन राशि पर ही अपना भरण-पोषण करना पड रहा है ।सरकार से बार-बार हमने अपनी बिभिन्न समस्याये रखी परन्तु आज तक एक भी बात हमारी नहीं रखी गई ।।जिसके लिए हमें आज आन्दोलन के लिए मजबूर होना पड रहा है ।यह बृहदआन्दोलन होगा जिसमें लगभग बारह हजार बहिने सामिल होगी ।
इसी क्रम में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आशा फैसिटिलेट्टर रेनू नेगी ने कहा कि एक तरफ तो सरकार महिला सशक्तिकरण की बात कर रही है लेकिन हम महिलाओं के साथ उत्पीड़न ही हो रहा है ।उन्होंने कहा कि हमें मोविलिटी के स्थान पर निश्चित मानदेय दिया जाय ।
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष गंगा गुप्ता, प्रदेश मंत्री बुध्दिबल्लभ थपलियाल, प्रदेश कोषाध्यक्ष अमीता चौहान, जिला महामंत्री सरीता रावत,आदर्श सकलानी, सुनील गुप्ता, रामचन्द्र खड्डूणी उपस्थित रहे ।