दो सरकारी में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। अपने तीन साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री धामी ने कई धाकड़ फैसले लिए। यूसीसी, नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी, दंगारोधी कानून के साथ कई बड़े फैसले सीएम धामी ने लिए।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता विधेयक लागू किया गया। इससे सभी को समान अधिकार मिलेंगे। इसके साथ ही धामी सरकार ने प्रदेश में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया। इस कानून के लागू होने के बाद पारदर्शिता के साथ समय पर परीक्षाएं संपन्न हो रही हैं।
उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए एक सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया। अब प्रदेश में जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने या करने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही प्रदेश में दंगारोधी कानून को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। अब दंगाइयों पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही दंगे में होने वाली सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई भी दंगाइयों से ही की जाएगी। इसके लिए क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन कर दिया गया है।
प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए सरकारी नौकरी में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया। इससे महिला सशक्तिकरण को और अधिक बल मिलेगा। इसके साथ ही सीएम धामी ने आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का फैसला भी लिया।