उत्तराखंड के तीन जाबांज सैनिकों को अद्वितीय साहस व वीरता के लिए सम्मानित किया गया है। मेजर रविंद्र सिंह रावत को उनके अदम्य साहस के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। इसके साथ ही ग्रेनेडियर्स 55वीं बटालियन के मेजर सचिन नेगी को शौर्य चक्र और पैरा कमांडो मेजर दिग्विजय सिंह रावत को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है।
उत्तराखंड के मेजर रविंद्र सिंह रावत को भारत सरकार ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया है। मेजर रावत ने भारतीय सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स (राजपूत) में तैनात रहते हुए 11 सफल ऑपरेशन में भाग लिया और 28 आतंकवादियों को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बता दें कि मेजर रविंद्र सिंह रावत मूलरूप से चमोली के अंगोत गांव के रहने वाले हैं। उनका परिवार वर्तमान में देहरादून में रहता है। मेजर रावत तीसरी पीढ़ी के रूप में सेना में सेवा दे रहे हैं। उनके पिता और दादा भी भारतीय सेना में थे।
ग्रेनेडियर के मेजर सचिन नेगी को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। मेजर नेगी राष्ट्रीय राइफल्स की 55वीं बटालियन में तैनात हैं। बता दें कि मेजर नेगी ने नवंबर 2020 से राष्ट्रीय राइफल्स के कार्यकाल के दौरान कई सफल अभियानों में भाग लिया है। इस दौरान उनकी बटालियन ने 14 आतंकियों का खात्मा किया।
उत्तराखंड के मेजर दिग्विजय सिंह को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है। मेजर रावत मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल जिले के धूमाकोट के रहने वाले हैं। उनकी स्कूली शिक्षा श्रीनगर गढ़वाल से ही पूरी हुई है। बता दें कि दिग्विजय टेक्निकल एंट्री के जरिए भारतीय सेना का हिस्सा बने थे। रुड़की में बंगाल इंजीनियरिंग यूनिट में सेवा देने के बाद साल 2014 में उनका चयन पैरा के लिए हुआ था।