उत्तराखंड: बारिश रुकते ही चारधाम यात्रा रफ्तार पकड़ने लगी है. बीती 31 जुलाई को केदारघाटी में आई आपदा के बाद चिंता थी कि केदारनाथ की यात्रा कैसे पटरी पर आएगी? लेकिन अब पैदल रास्ता के साथ हाईवे सुचारू होने के बाद यह चिंता दूर हो गई है. चारधाम यात्रा को लेकर यात्रियों में भारी उत्साह दिखने लगा है. मानसून थमते ही एक बार फिर से यात्रा ने फिर रफ्तार पकड़ ली है. यही वजह है कि अभी तक 38 लाख श्रद्धालु चारधाम दर्शन को आ चुके हैं.
बीती रोज यानी 30 सितंबर को 20,497 श्रद्धालु चारधाम दर्शन को पहुंचे. इनमें केदारनाथ धाम में सबसे ज्यादा 7,350 तीर्थयात्री पहुंचे. अभी तक के पूरे यात्रा काल की संख्या पर नजर दौड़ाएं तो करीब 38 लाख श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं. इससे पहले बारिश और आपदा ने चारधाम यात्रा रोकी थी, लेकिन केदारघाटी आपदा से निपटने में सरकार ने पूरी ताकत झोंकी. जिसके बाद अब यात्रा फिर से अपने पीक पर आने लगी है. यही वजह है कि यात्री पूरे उत्साह और आस्था के साथ बाबा केदार के दर्शन को उमड़ पड़े हैं.
केदारघाटी में 31 जुलाई को आपदा के बाद चारधाम यात्रा पूरी तरह से पटरी से उतर गई थी. पैदल मार्ग और पड़ावों पर फंसे यात्रियों एवं स्थानीय निवासियों को सुरक्षित निकालने में सरकार ने सभी सरकारी तंत्र को लगा दिया था. करीब 18 हजार लोगों का रेस्क्यू कर उन्हें उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाया था. इतना ही नहीं केदारघाटी में आम जनजीवन को बहाल करते हुए पैदल यात्रा मार्ग को सुधार कर यात्रा भी शुरू कर दी गई है.
अब आखिरी चरण की यात्रा जोर पकड़ने लगी है. अक्टूबर और नवंबर महीने में भी यात्रा के लिए बड़ी संख्या में यात्रियों ने पंजीकरण कराया है. 30 सितंबर को हेमकुंड और गौमुख समेत 22 हजार 244 श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर पहुंचे. इनमें केदारनाथ में 7,350, बदरीनाथ में 6,811, गंगोत्री 3,619, यमुनोत्री 2,717, हेमकुंड 1,632 और 115 श्रद्धालु गौमुख पहुंचे.
इस यात्रा काल में 30 सितंबर तक 37 लाख 91 हजार 205 यात्री चारधाम दर्शन को आ चुके हैं. जबकि, बीते साल पूरे यात्रा काल में 56.13 लाख यात्री पहुंचे थे. इसी प्रकार साल 2022 में 46.29 लाख और साल 2019 में 34.77 लाख यात्री चारधाम दर्शन को पहुंचे थे. साल 2020 और 2021 में कोरोना संक्रमण के चलते यात्रा प्रभावित रही. इन दो सालों में यात्री संख्या क्रमशः 3.30 लाख और 5.29 लाख रही.
इस साल चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हुई. जबकि, पिछले साल 23 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा का श्रीगणेश हो गया था. तब केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल और बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुले थे. इस साल गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट 17 दिन बाद यानी 10 मई को खुले. जबकि, बदरीनाथ धाम की यात्रा 12 मई से शुरू हुई. यात्रा अभी अगले महीने नवंबर तक चलेगी.