देहरादून जिला अस्पताल में निक्कू वार्ड का शुभारंभ, प्रदेश को जल्द मिलेंगे 288 नए डॉक्टर – Polkhol

देहरादून जिला अस्पताल में निक्कू वार्ड का शुभारंभ, प्रदेश को जल्द मिलेंगे 288 नए डॉक्टर

जिला अस्पताल और गांधी अस्पताल में विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) की शुरुआत हो गई है. मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत गांधी शताब्दी अस्पताल पहुंचे. उन्होंने एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट) का शुभारंभ किया. जिला अस्पताल में लंबे समय से एसएनसीयू की जरूरत महसूस हो रही थी. साल 2020 में इस बात पर जोर दिया गया था कि जल्द ही निक्कू वार्ड तैयार कर लिया जाएगा. उस दौरान निक्कू वार्ड का कार्य भी लगभग पूरा कर लिया गया था.

इसी बीच कोरोना संक्रमण आ गया. कोरोना काल के चलते विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई का शुभारंभ नहीं किया जा सका. ऐसे में अब करीब 4 साल के बाद स्वास्थ्य महकमा ने पहल की है. इस निक्कू वार्ड के शुभारंभ करने से पहले ही नवजात शिशु की देखभाल के लिए यूनिट में बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ की तैनाती कर ली गई थी. आज मंगलवार 12 नवंबर 2024 को इगास के मौके पर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने देहरादून वासियों को विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई समर्पित कर दी है. उम्मीद है कि इस निक्कू वार्ड के शुरू होने के बाद जिला अस्पताल से मरीज को दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल या फिर किसी अन्य अस्पताल में जाने की जरूरत नहीं होगी.

देहरादून जिला अस्पताल में निक्कू वार्ड शुरू किए जाने को लेकर पिछले महीने देहरादून जिला अधिकारी सविन बंसल ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. उस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी थी कि विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई के लिए नर्सिंग स्टाफ और बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती की जा चुकी है. इसके साथ ही विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में तैनात नर्सिंग स्टाफ के वेतन में हर तीन माह में 5 फ़ीसदी की वृद्धि दी जाएगी. उस दौरान जिलाधिकारी ने बच्चों को लाने और ले जाने के लिए एक डेडिकेटेड वाहन की भी व्यवस्था कर दी थी. ऐसे में निक्कू वार्ड शुरू होने के बाद अब मरीजों को उसका बेहतर लाभ मिल पाएगा.

उत्तराखंड के अस्पतालों में लगातार डॉक्टरों की कमी की खबरों का भी स्वास्थ्य मंत्री ने संज्ञान लिया है. स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि जल्द ही प्रदेश भर में 288 डॉक्टरों की नियुक्ति और करने जा रहे हैं. इससे डॉक्टर्स की कमी दूर हो जाएगी.

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