अल्मोड़ा जनपद के मोहान क्षेत्र में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की आईएमपीसीएल के नाम से बरसों पुरानी एक दवा फैक्ट्री स्थापित है. इस फैक्ट्री में बनने वाली दवा देश और विदेश तक जाती है. यह फैक्ट्री हर वर्ष सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व भी देती है. हजारों कर्मचारी भी इससे जुड़े हुए हैं. सरकार द्वारा इस फैक्ट्री के निजीकरण करने की तैयारी की जा रही है.
इसके खिलाफ यहां काम करने वाले हजारों कर्मचारी लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. कर्मचारियों का आरोप है कि उनकी मांगों को सरकार अनदेखा कर रही है. कर्मचारियों के आंदोलन को समर्थन देने फैक्ट्री के बाहर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पहुंचे. उन्होंने करीब डेढ़ घंटे का मौन उपवास रखा. इसके बाद कर्मचारियों को संबोधित किया. हरीश रावत ने केंद्र व राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जो फैक्ट्री करोड़ों का लाभ सरकार को दे रही है, आज फिर उसे बंद करने की क्या आवश्यकता है.
हरीश रावत ने कहा कि एक तरफ सरकार बेरोजगारी दूर करने की बात करती है. दूसरी ओर इस फैक्ट्री में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों को बेरोजगार करने पर तुली हुई है. उन्होंने कहा कि इस फैक्ट्री का निजीकरण किसी भी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि वह कर्मचारियों के साथ उनकी मांग को लेकर उनके साथ खड़े हैं. हरीश रावत ने कहा कि सरकार को जगाने के लिए अब ढोल बजाओ अभियान शुरू किया जाएगा. इसके तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री, विधायकों, सांसदों के आवास के आगे ढोल बजाने के साथ ही दिल्ली में इस क्षेत्रों के सांसदों के आवासों के आगे भी यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.
हरीश रावत ने कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार से अपना फैसला वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा चाहे भाजपा की सरकार हो यह कांग्रेस की सरकार हो, हमेशा सरकारों को अगर डर है तो जनता का डर है. जनता के आगे हमेशा सरकारों को झुकने के साथ ही जनहित को ध्यान में रखते हुए फैसलों को भी बदलना पड़ता है.